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तोते का पिंजरा और आकाश- शीतला सिंह

जनसत्ता 11 मई, 2013: हम जिसे केंद्रीय जांच ब्यूरो कहते हैं, सर्वोच्च न्यायालय की दृष्टि में वह और कुछ नहीं, बल्कि सरकारी ‘पिंजरे का तोता' है जिसके कई मालिक हैं। न्यायालय ने यह राय कोयला घोटाले की जांच की प्रगति-रिपोर्ट उसे सौंपे जाने से पहले सरकार से साझा किए जाने पर जाहिर की है। रिपोर्ट को कानून मंत्री के अलावा कोयला मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के संयुक्त सचिवों ने भी...

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पंचायतों को मजबूत बनाने की जरूरत:पीएम

नयी दिल्ली : नौकरशाही द्वारा अभी भी निर्वाचित स्थानीय निकायों के साथ अधिकार साझा करने में अनिच्छा दिखाने पर खेद जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पंचायती राज संस्थाओं को और मजबूत तथा अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए इस सोच में तुरंत बदलाव की जरुरत बताई. प्रधानमंत्री ने कहा, पंचायतों को जिम्मेदारी और सही अर्थो में अधिकार देने के लिए अभी भी काफी कुछ किये जाने की जरुरत है.’’ प्रधानमंत्री राष्ट्रीय पंचायती...

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धिंकिया पंचायत में हुए बम विस्फोट पर केंद्रित फैक्ट फाईंडिंग रिपोर्ट का लोकार्पण

ओडिसा के जगतसिंहपुर जिले के धिंकिया और गोविन्दपुर गांव का 9 मार्च 2013 के दिन मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार के हिमायतियों के एक दल ने दौरा किया था। 2 मार्च 2013 के दिन गोविन्दपुर गांव में एक बम-विस्फोट हुआ जिसमें तीन जन की मौके पर ही मौत हो गई थी। एक घायल ने अस्पताल में दम तोड़ा। पुलिस इस घटना के 15 घंटे बाद मौका-मुआयना को पहुंची...

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हाशिये का समाज और राज- हरिराम मीणा

जनसत्ता 11 मार्च, 2013: किसी भी राष्ट्र-समाज के उन घटकों के सम्मिलित समाज को हाशिये का समाज कहा गया है, जो अगुआ तबके की तुलना में सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर किन्हीं कारणों से पीछे रह गया है। इस सामान्यीकृत परिभाषा को विस्तार से समझने से पहले हाशिये शब्द पर थोड़ा विचार करना जरूरी है। किसी पृष्ठ में हस्तलेखन या टंकण करने से पूर्व शीर्ष पर और मुख्य रूप से बार्इं ओर...

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ग्राम-सभा को कागजी शेर बनाने की कवायद

बात विकास-परियोजनाओं के बारे में निर्णय लेने की आये तो ग्राम-सभा की भूमिका क्या हो ? इसका उत्तर छुपा है संविधान की पांचवीं अनुसूचि, 73 वें संविधान-संशोधन, पेसा-कानून और वनाधिकार कानून में। इन उपायों के जरिए विकास-योजनाओं के संबंध में ग्राम-सभा को विशेष अधिकार दिए गए हैं, वन और पर्यावरण की सुरक्षा भी इन उपायों से सुनिश्चित की गई है।   हाल के महीने में बड़ी चतुराई से इन कानूनों के व्याकरण से कुछ ऐसी छूट लेनी की कोशिश की...

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