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मार्च 2017 तक निर्मल राज्य बनेगा बंगाल

कोलकाता: राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मार्च 2017 तक बंगाल को ‘निर्मल राज्य’ का दर्जा देने की योजना बनायी है. इसे लेकर मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस समय सीमा के अंदर राज्य के सभी लोगों को स्वच्छ सैनिटेशन व्यवस्था से जोड़ना होगा. इसे लेकर वीरभूम जिला प्रशासन इस योजना को क्रियान्वित करने में सबसे आगे है. मुख्यमंत्री ने निर्मल भारत अभियान के तहत...

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गांव की सेहत का पहिया है सहिया दीदी

झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...

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महज लिंक वर्कर नहीं सोशल एक्टिविस्ट भी हैं सहिया

झारखंड में गांव-गांव में सेहत की अलख जगाने वाली सहिया दीदी का स्वरूप महज लिंक वर्कर जैसा नहीं है. झारखंड में सेहत के मसले पर काम करने वाली संस्थाओं ने इसे सेहत के मसले पर गांव में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता का स्वरूप दिया है. इसका काम सिर्फ गांव के लोगों को सेहत से संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि सेहत से संबंधी समस्याओं के लिए गांव के लोगों को...

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दमनकारी पितृसत्ता की परतें- विकास नारायण राय

जनसत्ता 27 सितंबर, 2013 : ग्वालियर की एक कार्यशाला में एक कार्यकर्ता ने चंबल क्षेत्र में राज्य सरकार के ‘बेटी बचाओ’ अभियान से चिढ़े अभिभावक की प्रतिक्रिया बताई, ‘‘का हम अपनी मोढिन को मार न सकत।’’ मोढी यानी बेटी। क्या हम अपनी पत्नी को भी नहीं पीट सकते; यह हर भारतीय मर्द की अंदर की आवाज होती है। हर बाप अपनी बेटी को संपत्ति से वंचित करता ही है। हरियाणा में...

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यह गरीबी खत्म करने की रेखा नहीं- मिहिर शाह(योजना आयोग के सदस्य)

 गरीबी के बारे में योजना आयोग के नवीनतम आकलन पर बड़ी चीख-पुकार मची। यह हाय-तौबा जितनी तेज थी, समझ और विवेक उसी अनुपात में कम। सबसे निंदनीय थे वे राजनेता, जिन्होंने आम आदमी को चोट पहुंचाने वाली बातें कहीं। जरूरी यह है कि हम ये समझने का प्रयास करें कि सुरेश तेंदुलकर की गरीबी रेखा वास्तव में क्या बताती है? सुरेश तेंदुलकर देश के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक थे। उन्हीं...

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