SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1351

उदार पीढ़ी का उद्वेग- सुधीश पचौरी

जनसत्ता 4 जनवरी, 2012: पिछले करीब पंद्रह दिनों में एक युवा विमर्श प्रकट हुआ है, जो कई वजहों से  ऐतिहासिक है। उसके कारक, लक्ष्य और परिणाम नए हैं। वह प्रकटत: स्वत:स्फूर्त स्वभाव से असंगठित और अराजनीतिक प्रतीत होता है। वह ‘परदुख कातर’ है। पुलिस प्रशासन और सत्ता से अन्याय के बरक्स न्याय के सवाल कर रहा है। वह बर्बरता के विरोध में है। वह एक ऐसा नागरिक समाज चाहता है, जिसमें...

More »

भागवत के बयान पर विवाद अनुचित: भाजपा

नई दिल्ली। भाजपा ने आरएसएस चीफ का बचाव करते हुए कहा कि उनके बयान पर विवाद अनुचित है। उधर, कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर भाजपा ने पल्ला झाड़ लिया। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मध्यप्रदेश के मंत्री विजयवर्गीय से इस बयान के बारे में पूछा जाएगा। कांग्रेस पर बरसते हुए भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अपने गिरेबान में झांके। दिल्ली और केंद्र दोनों जगहों पर कांग्रेस की...

More »

पदोन्नति में आरक्षण का प्रश्न-उदित राज

जनसत्ता 27 दिसंबर, 2012: पदोन्नति में आरक्षण का विवाद अभी थमा नहीं है और निकट भविष्य में थमने वाला भी नहीं है। पिछले अठारह दिसंबर को राज्यसभा ने पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए एक सौ सत्रहवां संवैधानिक संशोधन विधेयक पारित कर दिया था। दूसरे दिन यानी उन्नीस दिसंबर को इसे लोकसभा को पारित करना था। समाजवादी पार्टी के विरोध के कारण कई बार लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।...

More »

बिहार सबसे तेजी से बढता राज्य,गुजरात पिछडा

नयी दिल्ली : एक बडे बदलाव के तहत बिहार देश के सबसे तेजी से बढते राज्य के रुप में उभरकर सामने आया है. 10.9 फीसद की आर्थिक वृद्धि दर के साथ बिहार ने गुजरात को पीछे छोड दिया. योजना आयोग के आंकडों के अनुसार 2001-05 की अवधि में बिहार सबसे धीमी गति से बढता राज्य था और इसकी आर्थिक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत थी. 2006 से 2010 के दौरान इसकी वृद्धि दर...

More »

जाति की दीवारों से घिरे लोग - ज्यां द्रेज

एक बार मैं रीवा जिले की एक दलित बस्ती में गया। बस्ती की चारों तरफ ऊंची जाति के किसानों के खेत थे और इन किसानों ने बस्ती तक जाने के लिए कोई रास्ता देने से इनकार कर दिया था। बस्ती के अंदर छोटी-छोटी सड़कें थीं, लेकिन ये सड़कें बस्ती के आखिरी छोर पर आकर अचानक खत्म हो जाती थीं। वह बस्ती उस टापू की तरह लग रही थी, जो चारों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close