अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
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मानसून में देरी: धान की खेती पर मंडराया संकट, किसान चिंतित
बल्लभगढ़. मानसून आने में देरी और बिजली की किल्लत के चलते जिले में धान सहित अन्य फसलों की खेती पर संकट मंडरा रहा है। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें झलकने लगी हैं। 15 जून से धान की रोपाई शुरू हो जाती है, लेकिन अभी तक नाममात्र ही रोपाई हुई है। किसानों का कहना है कि न बारिश हो रही न बिजली मिल रही, इसलिए ऐसे में धान की...
More »किसानों की आत्महत्या में महाराष्ट्र की स्थिति बदतर
महाराष्ट्र में किसानों के आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011 में 3,337 किसानों ने आत्महत्या की है। यह पिछले साल 2010 की अपेक्षा और भी बदतर है, जहां पिछले साल 3,141 किसानों ने खुदकुशी की जो इस साल बढ़कर 3,337 जा पहुंची है। ताजा मामले में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पिछले 72 घंटे के...
More »औराई में महादलितों की सड़क घेरी, आक्रोश
औराई (मुजफ्फरपुर), निप्र : सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी महादलित बस्तियों को मुख्य सड़क से जोड़ा नहीं जा सका है। कहीं-कहीं मुख्य सड़क तो दूर, पहुंच पथ भी नसीब नहीं हो सका है। ऐसा ही एक मामला प्रखंड की बभनगामा पंचायत के चहुंटा गांव में है जहां के 50 महादलितों की सड़क घेर लेने की खबर है। इस संबंध में प्रभावितों ने सीओ को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग...
More »मुखिया को ठेकेदार मत बनाइए- टी आर रघुनंदन
इन दिनों देश के प्रशासनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है. सैद्धांतिक रूप से यह मान लिया गया है कि प्रशासन का ब्रिटिश ढांचा भारतीय परिस्थिति में नहीं सफल हो रहा. महात्मा गांधी ने जो गांवों के सरकार की कल्पना की थी वही देश को ढंग से चलाने का कारगर तरीका हो सकता है. इसके लिए कई सालों से विकेंद्रीकरण की कोशिशें की जा रही...
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