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मुनाफे की चाह और अपारदर्शी कीमत बनी वैक्सीनेशन की राह में रोड़ा

-न्यूजलॉन्ड्री, यह हमारी दुनिया के लिए करो या मरो जैसा क्षण है. वायरस और उसके नए प्रकारों और टीकाकरण के बीच एक दौड़ सी जारी है. नोवेल कोरोनावायरस जिस गति से म्यूटेट कर रहा है, उसका अर्थ है कि जब तक इस विश्व का हर एक आदमी सुरक्षित नहीं हो जाता तब तक कोई सुरक्षित नहीं होगा. डब्लूएचओ के अनुसार हमें लगभग 11 बिलियन खुराकों की जरूरत है और इन्हें सबसे...

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मानसून की गतिविधि में रुकावट किसानों पर भारी, आईएमडी ने पूर्वानुमान में की नेगेटिव आईओडी की अनदेखी

-रूरल वॉइस, पिछले दो हफ्ते में मानसून की गतिविधि में रुकावट के चलते सामान्य से 11.3 फीसदी कम बारिश कम बारिश हुई है। जिसके चलते चालू खरीफ सीजन में किसानों को जहां फसल बचाने की जद्दोजहद से गुजरना पड़ रहा है वहीं उनके लिए यह काफी महंगा साबित हो रहा है क्योंकि साल भर के भीतर डीजल की कीमतों में 16 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी  के कारण डीजल पंप से...

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डेल्टा प्लस वेरिएंट: क्या कोरोना की तीसरी लहर को रोक सकता है भारत?

-बीबीसी, भारत ने अब धीरे-धीरे खुलना शुरू कर दिया है. अप्रैल और मई में कोरोना की दूसरी 'बेहद भयंकर' लहर ने देश में भारी तबाही मचाई, लेकिन जून में संक्रमण की दर कम होती देख प्रशासन ने अधिकांश राज्यों में कोरोना से संबंधित प्रतिबंध या तो हटा लिए हैं या बहुत मामूली प्रतिबंध लागू हैं. जबकि जानकार कह रहे हैं कि कोरोना की तीसरी लहर अगले कुछ ही महीने में दस्तक दे...

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फसल उत्पादन के बदले किसान को मिलता है केवल एक चौथाई हिस्सा: रिसर्च

-डाउन टू अर्थ, फसल कटाई के बाद किसान अपने अनाज को अलग-अलग तरीकों से मंडी या बाजार में बेच देते हैं, किसानों को अनाज का वह मूल्य नहीं मिल पाता है जिसके वे हकदार होते हैं। जबकि विभिन्न प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन, थोक बिक्री, खुदरा बिक्री, खाद्य सेवा और अन्य कार्य जो कृषि की पैदावार को खाद्य पदार्थों में बदलते हैं इसके बाद यह उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, जो इसके लिए कहीं...

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IFPRI रिपोर्ट: सरकार को महामारी के दौरान पोषण सहायता, शिक्षा और नौकरियों के मामले में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए!

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 25 मार्च, 2020 को किए गए देशव्यापी लॉकडाउन, जिसे लगभग दो महीने के लिए चरणों में बढ़ाया गया था, ने भारतीय आबादी के कमजोर वर्गों के भोजन और पोषण की स्थिति को प्रभावित किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मिड-डे मील योजना जैसे कार्यक्रम से देश के प्राथमिक-विद्यालय आयु वर्ग के 80 प्रतिशत...

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