रांची। मुख्यमंत्री राहत कोष से फिलहाल किसी भी जरूरतमंद को मदद नहीं मिलेगी। कोष में एक रुपया भी नहीं होने के कारण सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। लोगों और संस्थाओं द्वारा दान न देने से कोष खाली हुआ है। मदद के लिए सरकार के पास एक दर्जन लोगों के आवेदन लंबित हैं। मुख्य सचिव एसके चौधरी ने राज्य के आला अधिकारियों को पत्र लिख कोष के लिए सार्थक...
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पानी का निजीकरण यानी विनाश- कुमार प्रशांत
हमारे प्रधानमंत्री ने रहीम को कब और कितना पढ़ा, यह तो पता नहीं, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने जल सप्ताह के आयोजन में पानी को लेकर जो बातें कहीं, उससे एक बात तो साफ हो गई कि उन्हें पानी की चाहे जितनी फिक्र हो, पानी की पहचान नहीं है। प्रकृति ने जो कुछ अक्षय और सर्वसुलभ बनाया था, उसमें सबसे पहले हवा और पानी का नाम आता है। कभी किसी ने सोचा...
More »गरीबी, खाद्य सुरक्षा और कैश ट्रांसफर- रितिका खेड़ा
कुछ महीने पहले योजना आयोग की गरीबी रेखा पर काफी चर्चा हुई हैं. उच्चतम न्यायलय में दायर हलफनामे में योजना आयोग ने कहा कि 2011 की सरकार की गरीबी रेखा- ग्रामीण क्षेत्रों में 26 रुपए और शहरी क्षेत्रों में 32 रुपए- जीवनयापन यानी खाना, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त है. आज से पहले किसी भी सरकार ने यह दावा नहीं किया कि गरीबी रेखा जीवन बिताने के लिए पर्याप्त...
More »मेलघाट में 14000 बच्चे कुपोषित- कृष्णा शुक्ला की रिपोर्ट
मुंबई. मेलघाट में 14 हजार बच्चों के कुपोषित होने के आकड़े को जानने के बाद बांबे हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए अमरावती के जिलाधिकारी को शीघ्रता से सरकारी कल्याणकारी योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने का निर्देश दिया है। मेलघाट में 14 हजार में से 11 हजार 61 बच्चे वजन और 3434 बच्चे ऊंचाई के लिहाज से कुपोषित पाए गए हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ व न्यायमूर्ति आर....
More »जल के निजीकरण के खतरे-निरंकार सिंह
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन कुमार बंसल ने यह कहकर चौंका दिया है कि सरकार पानी के निजीकरण पर विचार कर रही है। राष्ट्रीय जल नीति इस माह के अंत तक घोषित कर दी जाएगी। बंसल के मुताबिक जल संसाधन मंत्रालय ने जल नीति का मसौदा कई माह पहले तैयार कर लिया था। इस बारे में लगातार विशेषज्ञों और संबंधित लोगों से चर्चा हो रही है। नीति का जो मसौदा...
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