पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...
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फूड बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी
नयी दिल्ली:देश की 67 %आबादी को सब्सिडी प्राप्त खाद्यान्न का कानूनी अधिकार दिलाने का लक्ष्य रखनेवाले महत्वपूर्ण खाद्य सुरक्षा बिल को गुरुवार को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गयी. खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा, कानून को जल्द ही सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किया जायेगा. कानून प्रति व्यक्ति प्रत्येक माह पांच किलो चावल, गेहूं, मोटा अनाज क्रमश: तीन, दो और एक रुपये की दर से देने की गारंटी करता है. केंद्र ने योजना को...
More »सूबे में बनेगा पहचान आयोग
अगले साल से लागू होगा खाद्य सुरक्षा कानून पटना : खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आनेवाले लाभार्थियों की पहचान के लिए अलग से राज्य पहचान आयोग बनेगा. अगले साल जनवरी के प्रथम सप्ताह से बिहार खाद्य सुरक्षा कानून लागू होगा. विभिन्न स्तरों पर तैयारी चल रही है. राज्य खाद्य आयोग के गठन की प्रक्रिया चल रही है. वह बुधवार को...
More »जलयुद्ध की ओर बढ़ती दुनिया
विभिन्न अध्ययन एवं आकलन बताते हैं कि वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी वर्तमान सात अरब से बढ़ कर नौ अरब तक पहुंच जायेगी. इस स्थिति में पानी और भोजन की मांग बढ़ेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या और भी गंभीर हो सकती है. दुनियाभर में पानी से जुड़े मसलों पर काम कर रहे संगठनों ने इसे लेकर चिंता जतायी है. इसी कड़ी में स्टॉकहोम में पिछले 22 वर्षो से...
More »‘ऐसे कानून के लिए हम विकास दर बढ़ने का इंतजार करते रहें, यह जरूरी तो नहीं’
खाद्य सुरक्षा विधेयक पर अलग-अलग खेमों से अलग-अलग प्रतिक्रिया आ रही है. सामाजिक कार्यकर्ता इसकी तारीफ कर रहे हैं तो कॉरपोरेट जगत इस पर चिंतित है. अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता ज्यां द्रेज, रेवती लॉल को बता रहे हैं कि क्यों देश को इस कानून की जरूरत है और इसमें कौन-सी खामियां हैं जो दूर होनी चाहिए. खाद्य सुरक्षा विधेयक ने तमाम आशंकाएं पैदा कर दी हैं. पहली आशंका यह है कि देश के...
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