SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 128

नलकूप की स्थिति सबसे बदतर

मुजफ्फरपुर, हसं : विधानसभा की कृषि उद्योग विकास समिति की नजर में यहां नलकूप विभाग की स्थिति सबसे बदतर है। इसमें सुधार किए बिना कृषि व उद्योग के विकास की गति तेज नहीं हो सकती है। उक्त बातें समिति के सभापति गुड्डी देवी ने कही। राजकीय अतिथिशाला में आयोजित विभागों की समीक्षा बैठक के बाद वे पत्रकारों से बात कर रही थीं। उन्होंने बताया कि समीक्षा के क्रम में ये बातें...

More »

350 इकाइयों की आर्थिक सेहत बिगड़ी

मंडी। वित्त प्रबंधन के अभाव में प्रदेश की सैकड़ों सूक्ष्म, लुघ और मध्यम, औद्योगिक इकाइयों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। औद्योगिक इकाइयों के लिए लोन लेने के लिए कड़े बैंक नियमों के चलते ऐसी इकाइयों को समय पर उपलब्ध न हो पाने के कारण उत्पादन के मामले में पूरी तरह से पिछड़ चुकी है। बैंकों का सख्त रवैया वित्त सुविधा उपलब्ध न हो पाने के कारण पिछले एक दशक में...

More »

छोटे कर्ज पर संकट का बड़ा साया : गुरचरन दास

हमारे देश में एक अद्भुत घटना घट रही है। तीन करोड़ गरीब महिलाओं ने छोटा-मोटा कारोबार शुरू करने के लिए थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ऋण लिए हैं। इस राशि से वे या तो एक गाय खरीदती हैं, ताकि दूध का व्यवसाय कर सकें, या वे इस राशि का निवेश एक सिलाई मशीन में करती हैं, ताकि कपड़े बेच सकें या फिर वे एक किराना दुकान खोल लेती हैं। जो कार्य गैरसरकारी संगठनों...

More »

कमजोर महिलाओं की ताकत बना एक बैंक- आशीष कुमार अंशु

वनिता जालिन्दर पीसे आज से कुछ साल पहले लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रही थीं। बैंकों की औपचारिकता ओं और पेपर वर्क की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। निराश होकर वह घर बैठ गईं। उन्होंने लोन की आशा ही छोड़ दी। तभी एक दिन मानदेसी महिला संगठन के कुछ लोग उनके पास आए और उन्हें आसान शर्तों पर लोन मिल गया। वर्ष 2003 में उन्होंने...

More »

ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011

 जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close