रांची। विकास व अन्य परियोजनाओं और औद्योगिक इकाइयों के लिए स्वेच्छा से जमीन देने वाले रैयतों को सरकार वर्तमान दर की तुलना में दोगुनी राशि देगी। राज्य मंत्रिपरिषद ने इससे जुड़े झारखंड स्वैच्छिक भू अर्जन नियमावली को बुधवार को स्वीकृति दे दी। इसके अलावा तौलिया, कंबल, रुमाल, नेपकिन पर चार प्रतिशत और मोटर पार्ट्स (इंजन और चेचिस छोड़कर) पर 4 की जगह 12 फीसदी वैट लगाने को भी मंजूरी दी।...
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कृषि के लिए प्रौद्योगिकी मिशन की है जरूरत : हुड्डा
चंडीगढ़. प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा गठित कृषि उत्पादन पर मुख्यमंत्रियों के कार्य समूह के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समूह की रिपोर्ट को एक सप्ताह में अंतिम रूप दे देंगे। यह फैसला हुड्डा की अध्यक्षता में कृषि उत्पादन कार्य समूह की द्वितीय बैठक में लिया गया। हुड्डा ने सुझाव दिया कि कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि तंत्र पर पूरे देश में एक प्रौद्योगिकी मिशन आरंभ करने की आवश्यकता है। कृषि...
More »दलहन उत्पादन कार्यक्रम में गड़बड़ी
जयपुर. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत रबी में त्वरित दलहन उत्पाद कार्यक्रम में कृषि विभाग की ओर से चिह्न्ति ब्लॉकों में कृषि आदान (एग्रीकल्चर इनपुट्स) बांटे जाने में स्थानीय स्तर पर गड़बड़ियां सामने आई हैं। इस कार्यक्रम में चने की वृहद फसल प्रदर्शन में शामिल किए गए 6 जिलों के किसानों को बांटने के लिए 18.90 करोड़ के कीटनाशक और अन्य कृषि आदानों की सप्लाई का काम बिना टेंडर ही निजी...
More »CFL बल्ब : केरल के बचाये 2,000 करोड़ रुपये
नयी दिल्ली: एक पैसा बचाने का अर्थ है एक पैसा कमना- इस कहावत को पैमाना बनाए तो केरल सरकार बिजली क्षेत्र में 100 करोड़ रुपए से कम खर्च से वह फ़ायदा हासिल करने जा रही जो राज्य को 2000 करोड़ से अधिक के निवेश से हासिल होता. पूरे प्रदेश में बिजली की बचत करने वाले सीएफ़एल बल्ब लगाने के केरल सरकार के अभियान से उर्जा संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि...
More »देश नहीं भगवान को प्यारे
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस से हज़ारों बच्चों का मरना और विकलांग होना जारी है. इससे बचने के उपाय हैं तो मगर दो सरकारों के झगड़ों और लालफीताशाही में उलझकर रह गए हैं जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बच्चों की मौत बिना नागा जारी है. वे विकलांग भी हो रहे है. 2-4-6-8 साल के नन्हे-मुन्ने और मुन्नियां. कुछ दुधमुंहे भी हैं. रोने क्या कुनमुनाने तक से लाचार. एक-दो नहीं सैकड़ों-हजारों मासूम....
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