भारत के महराष्ट्र, तेलंगाना सहित आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों की आत्महत्या के सबसे ज़्यादा मामले रिपोर्ट होते हैं. बीते एक दशक से देश भर में होने वाली किसानों की आत्महत्या में दो तिहाई हिस्सेदारी इन्हीं राज्यों की है. नए तौर तरीकों से किसानों की आत्महत्या के मामले की गिनती के बावजूद 2014 में किसानों की कुल आत्महत्या में 90 फ़ीसदी से ज़्यादा मामले इन्हीं पांच बड़े राज्यों...
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आत्महत्याएं कभी झूठ नहीं बोलतीं!- चंदन श्रीवास्तव
पुराने समय में ‘कागद की लेखी' और ‘आंखिन की देखी' के बीच अकसर एक झगड़ा रहता था. कागद की कोई लिखाई जिंदगी की सच्चाई से मेल ना खाये, तो फिर कबीर सरीखा कोई ‘मति का धीर' पोथी में समाये ज्ञान से इनकार भी कर देता था. यह अघट तो आधुनिक समय में घटा कि प्रत्यक्ष को मानुष पर और मानुष को आवेगों पर निर्भर मान कर शंका के काबिल मान...
More »किसान आत्महत्या का अधूरा सच- देविन्दर शर्मा
गुलाबी तस्वीर पेश करने की तमाम कोशिशों के बावजूद राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के किसान आत्महत्या संबंधी 2014 के आंकड़े कृषि के स्याह पक्ष को ही सामने लाते हैं। वर्ष 2014 में 12,360 किसानों की आत्महत्या का सीधा अर्थ है कि हर 42 मिनट में देश में एक किसान ने आत्महत्या की। हालांकि एनसीआरबी ने किसानों की आत्महत्या के आंकड़े को दो श्रेणियों-किसानों एवं कृषि मजदूरों, में बांटने का साहसिक...
More »गांव और गरीब की चिंता कब?- अश्विनी महाजन
भारत सरकार द्वारा वर्ष 2011 में हुई जनगणना के आर्थिक, सामाजिक गणना के आंकड़े हाल ही में प्रकाशित किये गये हैं. ये आंकड़े भारत में गरीबों की वर्तमान दुर्दशा की कहानी बयान कर रहे हैं. चिंता का विषय केवल यह नहीं है कि गरीबों की हालत खराब है, बल्कि वह पहले से तेज गति से बदतर होती जा रही है. गौरतलब है कि अभी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए ही ये...
More »बिहार का एक बैंक जहां कर्ज में मिलता है अनाज- सीटू तिवारी
बिहार की राजधानी पटना से सटे सुंदरपुर की गहनी मांझी को अब पेट भर भात खाने को मिल जाता है। जवानी की न जाने कितनी रातें खाली पेट गुजारने के बाद बुढ़ापे में उन्हें पेट भर खाना नसीब हो रहा है। गहनी का भाग्य अनाज बैंक की वजह से ही जागा है। अनाज बैंक यानी वह बैंक जहां अनाज का लेन देन होता है। इस बैंक से अनाज उधार लिया जा...
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