सेक्युलरवाद हमारे देश का सबसे बड़ा सिद्धांत है। सेक्युलरवाद हमारे देश की राजनीति का सबसे बड़ा पाखंड भी है। सेक्युलरवाद अग्निपरीक्षा से गुजर रहा है। सेक्युलर राजनीति की दुर्दशा देखनी हो, तो बिहार आइए। यहां नैतिक, राजनीतिक, जातीय और संयोगों के चलते भाजपा की विरोधी बन गई सभी ताकतें सेक्युलरवाद की चादर ओढ़कर चुनाव लड़ रही हैं। उधर लोकसभा चुनाव जीतकर अहंकार में चूर भाजपा और उसके सहयोगी सेक्युलर भारत...
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औरतों की अहमियत
बांग्लादेश की इकोनॉमी में औरतों की हिस्सेदारी 34 फीसदी है। विश्व बैंक की एक ताजा छपी रिपोर्ट 'औरत, कारोबार और कानून' के मुताबिक, बांग्लादेश सालाना छह फीसदी की अपनी मौजूदा जीडीपी की तरक्की में 1.8 फीसदी और जोड़ सकता है। अपने तजुर्बे के आधार पर हम इस तथ्य की पुरजोर वकालत करते हैं, क्योंकि अस्सी के दशक ने हमने दिखाया है कि कैसे औरतों की अगुवाई में मुल्क में रेडीमेड...
More »समाख्या की साथिनें- निवेदिता
हमारी मुलाकात ट्रेन में हुई थी। पहली बार जब मैं उससे मिली तो वह बेहद डरी और जिंदगी से हारी हुई दिख रही थी। वह परेशान थी अपने पति की लगातार हिंसा से। उसकी आंखों में मानो बादल तैर रहे थे, जिसे वह सबकी नजरों से बचा कर पोंछ लेती थी। जब हम बातें करने लगे तो पता नहीं उसके दिल का कितना कोना भीग रहा था। जैसे डूबते को...
More »सरकार को मुसलिमों के साथ हो रहे भेदभाव को दूर करना होगा : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी
नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज सबका साथ, सबका विकास का नारा लेकर शासन में आयी नरेंद्र मोदी सरकार को अल्पसंख्यकों के विकास के मुद्दे पर कई नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सामाजिक शांति के लिए राजनीतिक दूरदर्शिता जरूरी है. अंसारी ने न सिर्फ सच्चर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने पर जोर दिया, बल्कि यह भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष राजनीति के तहत रह रहे अधिकतर मुसलिम...
More »जनगणना से मिलते संकेत- अरविन्द मोहन
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जिस तरह जनगणना के जातिवार आंकड़ों के बारे में तत्काल सफाई दी और उसे लगभग ठंडे बस्ते में डाल दिया, उसके पीछे बड़ा कारण बिहार विधानसभा का चुनाव था। अब बिहार में जातिवार जनगणना के आंकड़ों की मांग बड़ा चुनावी मुद्दा बन गई है। कई लोग यह भी कहने लगे हैं कि जरूरी नहीं कि जातिवार आंकड़ों की मांग लालू-नीतीश की जोड़ी को फायदा पहुंचाए और...
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