पटना। बिहार के पिछड़ेपन को बहुत हद तक मिटा देने के लिए काफी माने गए निजी निवेश के करीब 96,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमीन पर नहीं उतर पाए। मुख्य रूप से ऊर्जा एवं कृषि के क्षेत्र में आए इन प्रस्तावों को दो साल पूर्व ही राज्य निवेश प्रोत्साहन पर्षद की मंजूरी मिल चुकी है। पिछले साल दो चीनी मिलों में रिलायंस और एचपीसीएल के लगे 600 करोड़ रुपये के...
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उत्तर प्रदेश में हो सकती है चीनी की किल्लत
गन्ने को लेकर गतिरोध कायम रहने से उत्तर प्रदेश में चीनी की भारी कमी पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे इसकी खुदरा कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। चीनी की मौजूदा खुदरा दर 35 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की दरों की तुलना में लगभग दोगुनी है। मुश्किल यह है कि कम उत्पादन की स्थिति में चीनी की महंगाई और बढ़ेगी। इस आशंका की...
More »76 चीनी नागरिकों को सुरक्षित निकला
बिलासपुर। बालको के पावर प्लांट में निर्माणाधीन चिमनी गिरने के बाद श्रमिकों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए प्लांट में कार्यरत चीनी कंपनी सेपको के अधिकारी व कर्मचारियों को गुरुवार को कोलकाता व रायपुर भेज दिया गया। इससे पहले 76 चीनियों को बुधवार की देर रात भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बिलासपुर लाया गया था। यहां उन्हें नर्मदा नगर स्थित महिला सामुदायिक भवन में ठहराया गया था। पुलिस का कहना...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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