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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...

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सिर्फ जन लोकपाल से संपूर्ण हल नहीं:रामदेव

हरिद्वार, जागरण संवाददाता: योगगुरु बाबा रामदेव का कहना है कि सिर्फ लोकपाल या जनलोकपाल से देश को नहीं बचाया जा सकता। देश को खोखला कर रही समस्याओं से निजात पाने के लिए उन्होंने सात सूत्रीय एजेण्डा भी पेश किया। जिसे नाम दिया गया 'व्यवस्था परिवर्तन व संपूर्णक्रान्ति। बाबा ने प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव की पुरजोर पैरवी करते हुए उन्हें देश की जनता के प्रति जवाबदेह बनाने पर जोर दिया। मंगलवार को...

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बीज विधेयक किसानों की हित-रक्षा में नाकाम

बीज विधेयक 2010 संसद के मौजूदा सत्र में बहस के बाद पारित किए जाने के लिए तैयार है। इस विधेयक का शुरुआती मसौदा किसानों के बजाय कृषि-व्यवसायियों के फायदे में होने के कारण विवादास्पद साबित हुआ था। पहले संसदीय स्थायी समिति और फिर सर्वदलीय बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद कई किसान संगठनों, विपक्षी राजनीतिक दल तथा नागरिक संगठनों का मानना है कि यह विधेयक छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा में सफल नहीं...

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निर्णायक प्रतिरोध का समय : चेतन भगत

हम सभी का सामना किसी ऐसे ‘अंकल’ से हुआ होगा, जो समय-समय पर हमें याद दिलाते रहते हैं कि इस देश का भगवान ही मालिक है। उनकी हर बात का लब्बोलुआब यह रहता है कि भारत एक भ्रष्ट और नाकारा देश है, जहां जिंदगी गुजारना मुश्किल है। वे हमें बताते हैं कि आरटीओ से लेकर राशन की दुकान और नगर पालिका तक हर सरकारी अधिकारी घूस खाता है। वे हमें यह भी...

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हद से बाहर-सुधांशु रंजन

उच्चतम न्यायालय के हाल के कुछ निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है कि अदालतों को नीतिगत मामलों पर फैसला करने का हक है या नहीं। कई राजनीतिक दल न्यायपालिका की सीमा तय करने के लिए संसद में बहस कराना चाहते हैं। इस मुद्दे पर 14वीं लोकसभा में भी बहस हो चुकी है और उसमें संसद को सर्वोपरि माना गया था। परंतु न्यायालय को समीक्षा का अधिकार है,...

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