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43 वें दिन भी चला किसानों का धरना

अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा बढ़ाने को लेकर चंदावली में चल रही किसानों की पंचायत 43 वें दिन भी जारी रही। धरने पर बैठे किसानों में सरकार के प्रति भारी नाराजगी बनी हुई है। उनका कहना है कि अगर किसानों की इसी तरह अनदेखी होती रही तो वे आने वाले दिनों में सबसे पहले सत्ता पक्ष के नेताओं का बहिष्कार किया जा सकता है। इसके बाद किसान इस आंदोलन...

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कोल्हू में पिसीं यूपी की चीनी मिल! -- सिद्घार्थ कलहंस

गन्ने की पेराई उत्तर प्रदेश में अभी शुरू भी नहीं हो सकी है और चीनी मिल मालिक मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। देसी-विदेशी बाजारों में चीनी की कीमतें घट रही हैं, लेकिन गन्ना किसान उन पर इस साल भी ज्यादा कीमत देने का दबाव बना रहे हैं। रही-सही कसर कोल्हू मालिकों ने पूरी कर दी है, जो किसानों को मुंह मांगे भाव दे रहे हैं। दरअसल राज्य के किसान पिछले...

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वीडियो वालंटियर्स की सिटीजन जर्नलिज्म फैलोशिप

अंतर्राष्ट्रीय कम्युनिटी मीडिया पोर्टल की गोवा केंद्रित एक शाखा वीडियो वॉलंटियर्स ने अपने इंडिया अन्हर्ड नाम के कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। कार्यक्रम का यह दूसरा दौर है। इस दौर में चयनित उम्मीदवारों को विभिन्न समुदायों के सरोकार, मुद्दे, आविष्कारी काम, परंपरा आदि से संबंधित वीडियो रिपोर्ट बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।सिटीजन जर्नलिज्म के तहत फैलोशिप देने का की यह परियोजना पिछले एक साल से चल...

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आदिवासियों की जमीन बचाने के लिए आंदोलन करेंगे अजीत जोगी

रायपुर.पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने प्रदेश में आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने के विरोध में बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश को वेदांता समूह के बाक्साइट लीज को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि रायगढ़ जिले में 57 करोड़ की कोटवारी जमीन उद्योगपतियों को बेच दी गई जबकि यह सरकारी जमीन है। राज्य सरकार इन्हें तत्काल अवैध घोषित करे। इन मामलों को...

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उनके किशन जी, मेरे किशन जी, और आपके?- योगेन्द्र यादव

1. मीडिया की दुनिया के लिए किशन जी का मतलब है माओवादियों के भूमिगत नेता किशनजी. 2. कुछ साल पहले तक किशन जी नाम एक दूसरी और बहुत भिन्न छवि से जुड़ा था. 3. कोशिश करें तो बंगाल की खाड़ी की गोद में पले इन दोनों क्रांतिकारियों में कुछ साम्य ढूंढा जा सकता है. इधर जब भी अखबार या टीवी में ’किशन जी’ का जिक्र आता है, मेरे भीतर कुछ होता है. ढांपने...

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