SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2118

बेटियों की शिक्षा के लिए दो नए कार्यक्रम

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने प्राथमिक शिक्षा में दो नए कार्यक्रमों की शुरुआत की है। इनमें एक बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और दूसरा पढ़े भारत, बढ़े भारत कार्यक्रम शामिल हैं। यहां राज्यों के शिक्षा सचिवों के साथ बैठक के दौरान इन कार्यक्रमों की आधिकारिक शुरुआत की गई। बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत लड़कियों को बचाने, उनकी परवरिश और शिक्षा पर विशेष फोकस करना है। स्कूलों में...

More »

नक्सली दहशत के चलते गांव छोड़ गए आदिवासी लाए जाएंगे वापस

जगदलपुर (ब्यूरो)। नक्सल दहशत के चलते अपना घरबार छोड़कर पड़ोसी प्रदेशों में कई वर्षों से निर्वासित जीवन गुजार रहे दक्षिण बस्तर के आदिवासियों को सुरक्षित उनके गांव लाकर फिर से बसाने की कवायद की जा रही है। गांव छोड़कर गए ज्यादातर ग्रामीण सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के हैं। लगभग 25 हजार आदिवासी कोंटा से सटे तेलंगाना के खम्मम व वारंगल जिले के ग्रामीण इलाकों में रह रहे हैं। आडिशा के...

More »

सड़े आलू और इल्ली लगे मिर्च पावडर से बन रहा था बच्‍चों का खाना

सचिन तिवारी, बीना (सागर)। बीना के पास आगासोद गांव के प्रायमरी स्कूल में बच्चों के लिए बनाए जा रहे मध्यान्ह भोजन में सड़े आलू की सब्जी जिसमें इल्ली वाले मिर्च के पावडर का इस्तेमाल किया जा रहा था। स्कूल शिक्षा विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई कर भोजन के बच्चों को परोसे जाने से पहले ही पकड़ लिया। आगासोद गांव में प्रायमरी स्कूल है जिसमें करीब ढाई सौ बच्चे पढ़ते हैं।...

More »

वंचित तबके के हक पर डाका डालने वाले- सुभाष गताडे

अनुसूचित तबकों के छात्रों को दी जा रही छात्रवृत्ति जारी करने में विलंब के चलते लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। पिछले दिनों राज्यसभा में शून्यकाल में इसी मसले को बसपा के एक सांसद ने उठाकर सदन का ध्यान खींचने की कोशिश की थी। संविधान के अंतर्गत अनुसूचित तबकों को दिए गए आरक्षण के बावजूद समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से इन तबकों के छात्रों की पढ़ाई...

More »

बच्चों के हित में एकीकृत बाल संरक्षण योजना- आर के नीरद

मित्रो, बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर परिवार, समाज और सरकार सभी चिंता करते हैं. ये इन सभी के भविष्य की बुनियाद हैं. इन्हें जितना मजबूत बनाया जायेगा, सब का भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. इस तथ्य के बाद भी आंकड़े बताते हैं कि हम बच्चों की जान बचाने में अब भी पीछे हैं. जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनमें कुपोषित बच्चों की संख्या भी अधिक होती है. बच्चों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close