उस वक्त को गुजरे ज़्यादा दिन नहीं हुए जब भारत के सबसे ग़रीब ज़िलों में बुनियादी सुविधाएं बहुत कम और विरल थीं. ज़्यादातर लोग अपने हालात के भरोसे थे. इनमें से कुछ लोगों को भरे-पूरे प्राकृतिक वातावरण का संग-साथ हासिल था और शायद उनकी जिन्दगी में वह आज़ादी और उत्साह भी था जो आज खो गया है. लेकिन अन्य बहुत से लोग भूख, असुरक्षा और शोषण के साये में रहते थे...
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पेंशन नहीं मिलने के कारण दुखी था, मौत को गले लगाया
कोलकाता: पेंशन और भविष्य निधि की रकम न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे दमदम जेसप कारखाने के एक सेवानिवृत कर्मचारी ने रविवार रात अपने कमरे में फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. मृतक का नाम गोपाल क्षेत्रीय 60 बताया गया है. वह दमदम एक्जूलियम कनवेंट के नजदीक किराये के मकान में रहता था. दमदम थाना की पुलिस ने सोमवार सुबह सूचना पाकर कमरे से उसका शव बरामद किया. पुलिस...
More »गन्ने की कीमत से आगे- अपूर्वानंद
जनसत्ता 10 दिसंबर, 2013 : उत्तर प्रदेश से अब गन्ना उगाने वाले किसानों के मिल मालिकों से संघर्ष की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष जोरदार है। और एक तरह से इसे सफल जन संघर्ष कहा जा सकता है। इसने मुजफ्फरनगर की तीन महीने से चली आ रही हिंसा की खबरों को पीछे धकेल दिया है। कम से कम हिंदी अखबारों में। इस आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के लोग...
More »असमानता तोड़ देगी देश को- डा. भरत झुनझुनवाला
बढ़ती असमानता समाज के लिए हानिकारक होने के साथ-साथ आर्थिक विकास के लिए भी हानिप्रद है. आम नागरिक जब अमीर को कोसता है, तो उसकी आंतरिक ऊर्जा नकारात्मक हो जाती है. वह हिंसक प्रवृत्ति का हो जाता है. चुनाव के इस माहौल में सभी पार्टियां गरीबों को लुभाने में लगी हुई हैं. कांग्रेस का कहना है कि उसने मनरेगा और खाद्य सुरक्षा लागू करके गरीबों को राहत पहुंचायी है. भाजपा...
More »नीति व सुविधा के बिना गहरा रहा एड्स का खतरा- राहुल सिंह
रांची के इटकी प्रखंड इलाके के एक गांव की 60 वर्षीया महिला टीबी से ग्रस्त हैं. दुर्भाग्य से इस महिला को एचआइवी एड्स भी है. पिछले दिनों तबीयत काफी बिगड़ने के बाद उन्हें रांची स्थित रिम्स में इलाज के लिए भरती कराया गया. हालांकि वे फिलहाल ठीक हैं और टीबी और एचआइवी का उनका इलाज चल रहा है. स्वास्थ्य कर्मी उनके नियमित संपर्क में रहते हैं और अपने क्षेत्र भ्रमण...
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