नागिरक-संगठनों के एक जांच-दल का कहना है कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से लड़ाई के नाम पर बड़े पैमाने पर निर्दोषों की हत्या, यातना और पुलिसिया बर्बरता को अंजाम दिया जा रहा है। जांच-दल का आरोप है कि जिन इलाकों में सुरक्षा बलों ने सशस्त्र माओवादी लड़ाकों के खिलाफ ऑपरेशन ग्रीनहंट चला रखा है वहां पत्रकारों को सुरक्षा की दुहाई देकर जाने से रोका जा रहा है। सात नागरिक संगठनों के एक...
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कोसी के बाढ़-पीड़ितों के लिए दिल्ली में साईकिल रैली
बिहार बाढ़ विभीषिका समिति और दिल्ली यंग आर्टिस्ट फोरम कोसी नदी की बाढ़ से होने वाली सालाना तबाही पर जनजागरण के लिए १७ से २४ नवंबर के बीत भगत सिंह पार्क से संसद भवन तक एक साईकिल रैली का आयोजन कर रहा है। साईकिल रैली से दिल्ली के तमाम इलाकों के भ्रमण की योजना बनायी गई है। साल २००८ में कोसी नदी में आई बाढ़ में सैकड़ों लोगों की जान...
More »सीपी की सभा के बाहर चले डंडे
भीलवाड़ा. केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री डॉ. सीपी जोशी की अध्यक्षता में रविवार को हुई सामाजिक अंकेक्षण समीक्षा सभा के बाहर हक मांगने आए गायत्री नगर कच्ची बस्ती के लोगों को पुलिस के डंडे झेलने पड़े। उधर, सिपाही से हाथापाई करने पर पुलिस ने एक वकील सहित दो लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। हुआ यूं कि आठ अक्टूबर को नगर परिषद ने मालोला रोड स्थित...
More »बाढ़ के पानी में भोजन का अधिकार विधेयक
आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में जारी बाढ़ से लाखों की तादाद में ग्रामीण गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं। बाढ़ की विभीषिका तो थमने का नाम नहीं ले रही है लेकिन इस विभीषिका से, गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की गणना के लिए जो मानक प्रस्तावित भोजन का अधिकार विधेयक के संकल्प पत्र में सुझाये गए हैं, उनकी पोल जरुर खुल गई है। अकेले आंध्रप्रदेश और कर्नाटक...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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