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स्वतंत्र भारत की महानतम लेखिका-- रविभूषण

स्वतंत्र भारत के बांग्ला साहित्य में ही नहीं, भारतीय साहित्य में भी महाश्वेता देवी (14 जनवरी, 1926- 28 जुलाई, 2016) ने जो नयी जमीन और दिशा दी, उसे आज उर्वर और सार्थक बनाना जरूरी है. बहुत कम लेखकों की पारिवारिक पृष्ठभूमि साहित्यिक रूप से समृद्ध होती है. दिनेश रंजन दास और गोकुलचंद्र नाग ने बीसवीं सदी के आरंभिक दशक में जिस 'कल्लोल' पत्रिका का आरंभ किया था, उससे बांग्ला साहित्य...

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आंकड़ों में ही कम हो रही महंगाई - अनुराग चतुर्वेदी

बढ़ती महंगाई एक बार फिर चर्चा में है। वरना तो महंगाई का जिक्र चुनावी सभाओं या नीति आयोग जैसी संस्थाओं की गंभीर बैठकों में होता है। अर्थशास्त्री इसे मुद्रास्फीति से जोड़ते हैं तो किसान-दुकानदार 'मुनाफाखोरी" से। महंगाई पर चर्चा क्या सिर्फ आंकड़ों की कलाबाजी है या फिर यह हकीकत से भी जुड़ी है? सरकार का दावा है कि मुद्रास्फीति की दर दो अंकों से गिरकर एक अंक की हो गई...

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पेमेंट्स बैंक से पीछे हटती हस्तियां-- बिभाष

मुद्रा नीति की घोषणा के बाद पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि सिर्फ गंभीर हस्तियों/फर्मों को पेमेंट्स बैंक लाइसेंस के लिए आवेदन करना चाहिए. उनका यह बयान इस परिप्रेक्ष्य में था कि हाल ही में तीन हस्तियों ने, जिन्हें पेमेंट्स बैंक चालू करने का लाइसेंस मिला था, इस प्रकार के बैंक खोलने के अपने इरादे से पीछे हट गये.  वर्ष...

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भ्रष्टाचार के पैमाने पर सब समान-- राजदीप सरदेसाई

महाराष्ट्र और पूरे देश में सत्ता का रियल एस्टेट से विवादास्पद रिश्ता रहा है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण एक वाकया बताते हैं कि एक बार उन्होंने मुंबई में बहुमंजिला पार्किंग और अधिक प्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) संबंधी जमीन के नियम बदलने का प्रयास किया, उद्‌देश्य था अधिक पारदर्शिता लाना। जब प्रस्ताव रखा गया तो कैबिनेट की बैठक में चुप्पी छा गई। चव्हाण ने कहा, ‘कैबिनेट के मेरे कुछ...

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उजले दौर की 'स्याह' सच्चाइयां - कमलेंद्र कंवर

सवाल केवल कानून-व्यवस्था के उल्लंघन का नहीं। सवाल नस्लवाद और रंगभेद के घृणित आरोप का है। सवाल कूटनीतिक संबंधों का है। और सवाल देश की अंतरराष्ट्रीय छवि का भी है। दिल्ली के वसंतकुंज इलाके में पिछले शुक्रवार को अफ्रीकी छात्र मसोंदा कितादा ओलिवर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का कारण इतना मामूली कि सुनने वालों को विश्वास तक ना आए। तीन गुंडा तत्व उसी ऑटोरिक्शा पर सवार...

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