हमारे प्रधानमंत्री को जुमलों का शौक है. खासतौर पर उधार के जुमलों का. इस बार उन्होंने ‘दूसरी हरित क्रांति’ का आह्वान किया है. हजारीबाग के निकट बरही में 28 जून को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ (हर बूंद से ज्यादा दाने पैदावार) का नारा दिया. नारों में कुछ बुराई नहीं है, बशर्ते उनके पीछे कोई नयी सोच हो, नीति हो या नीयत...
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जमीन पर छवि चमकदार नहीं- हरि जयसिंह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुआयामी शख्सियत के धनी हैं। आज जब वे प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल का एक साल पूरा कर रहे हैं तो उनके शुभचिंतक-प्रशंसक और उनके निंदक-आलोचक दोनों ही अलग-अलग दृष्टिकोणों से इसकी समीक्षा कर रहे हैं। सोनिया और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने इस एक साल में यह तो स्पष्ट कर ही दिया है कि आर्थिक सुधारों की डगर पर वह विपक्ष के रूप...
More »मोदी सरकार के 1 साल( विशेष आलेख, आलेख प्रभात खबर)
पिछले आम चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी का एक प्रमुख नारा था- ‘सबका साथ-सबका विकास'. अपने इस वादे पर अमल करते हुए सरकार ने पिछले एक साल में आम आदमी की समृद्धि और उन्हें आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से कई नयी योजनाएं शुरू कीं. कुछ पिछली योजनाओं में भी तब्दीली करते हुए उन्हें नये नाम और प्रारूप में शुरू किया गया. जन-धन, बीमा और पेंशन आदि से जुड़ी...
More »विज्ञान से ही सुलझेगी कृषि समस्या --शंथु शांताराम
जिस तरह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए देश को 1960 के दशक की हरित क्रांति ने अन्न से संपन्न देश में बदल दिया था, उसी तरह आधुनिक जेनेटिक्स और जेनेटिक इंजीनियरिंग देश की कृषि समस्याओं के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अल नीनो समेत भारत पर पर्यावरण के बदलाव का असर पहले ही दिखने लग गया है, ऐसे में विज्ञान की मदद लेने के अलावा देश के...
More »मुसीबतों के फंदे में उलझा किसान - संजय गुप्त
बीते बुधवार को दिल्ली में जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली के दौरान राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की जिस ढंग से मौत हुई, उसने न केवल लोगों को झकझोरा, बल्कि दशकों पुरानी किसानों की समस्याओं को एक बार फिर सतह पर ला दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 'आप" के अन्य बड़े नेताओं की उपस्थिति में गजेंद्र पहले एक पेड़ पर चढ़े और फिर उन्होंने अपने गले में...
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