SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 171

विज्ञान से अछूते क्यों रहें हमारे गांव? - डॉ. अनिल प्रकाश जोशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों गांवों की बदलती तस्वीर में वैज्ञानिकों की भूमिका पर टिप्पणी कर देश में संस्थानों के दायित्वों की तरफ अहम इशारा किया है। यह बात पूरी तरह सच है कि ये संस्थान इस देश को इंडिया बनाने में ज्यादा चिंतित रहे, न कि भारत। आज भी हमारे देश का बड़ा हिस्सा गांवों में ही बसता है। साढ़े छह लाख गांवों में देश की 70 प्रतिशत...

More »

कठिन चुनौतियां और नीति आयोग- वाई के अलघ

अरविंद पनगढ़िया को उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने के साथ ही नीति आयोग (नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिग इंडिया) को लेकर जारी कई अटकलों को विराम मिल गया है, लेकिन इस आयोग को लेकर कई उत्सुकताएं अब भी लोगों के दिमाग में बनी हुई हैं। दरअसल, केंद्र में आई नई सरकार ने 24 अगस्त को 20 विशेषज्ञों को बुलाकर उनसे यह सवाल पूछा था कि मौजूदा योजना आयोग...

More »

शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन वाले तरीके अपनाने की जरूरत : वेंकैया नायडू

प्रभात खबर,नयी दिल्ली : सतत और बेहतर तंत्र से शहरीकरण के प्रारूप में बदलाव लाने पर जोर देते हुए शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि शहरों में कम कार्बन उत्सर्जन वाला तरीका अपनाने की जरूरत है. उन्होंने सतत शहरीकरण कार्यक्रम में पीपीपी की महत्ता को भी रेखांकित किया. नायडू ने दक्षिण एशिया में सतत शहरीकरण पर क्षेत्रीय नीति वार्ता का यहां शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि नये शहरों...

More »

ऊर्जा संरक्षण के साथ करोड़ों लोगों के घरों का अंधेरा दूर कर सकती है एलइडी टेक्नोलॉजी- कन्हैया झा

नयी दिल्ली: स्वीडन की शाही विज्ञान अकादमी की नोबेल पुरस्कार समिति ने भौतिकी के क्षेत्र में वर्ष 2014 का नोबेल पुरस्कार दो जापानी वैज्ञानिकों प्रोफेसर इसामू अकासाका, हिरोशी अमानो और एक अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नाकामुरा को देने की घोषणा की है. इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार ब्लू लाइट एमिटिंग डायोड (एलइडी) का आविष्कार करने के लिए दिया जायेगा. एलइडीबिजली की खपत कम करने में सक्षम होने के साथ-साथ रोशनी...

More »

बेलगाम महंगाई के पोषक- विकास नारायण राय

जनसत्ता 22 अगस्त, 2014 : वित्तमंत्री अरुण जेटली के अनुसार आम लोगों के लिए बवालेजान बनी महंगाई का सीधा संबंध बाजार में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति से है। भारतीय शासकों का यह जाना-माना तर्क रहा है, जो जनता को बरगलाने वाले अगले पाखंड की जमीन भी तैयार करता है। शासकों का अगला तर्क होता है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की आपूर्ति जमाखोरों ने रोक रखी है और...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close