पोषक-तत्वों से भरपूर और वर्षा-सिंचित इलाकों में ऊपज के लिए अनुकूल रागी, ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, चीना और कुटकी जैसे मोटहन के उत्पादन में भारत का स्थान दुनिया में अव्वल है लेकिन इन फसलों का उत्पादन-क्षेत्र 1961 से 2012 के बीच घटता गया है। हाल ही में जारी नेशनल अकेडमी ऑव एग्रीकल्चरल साइसेंज के नीति-पत्र रोल ऑव मिलेटस् इन न्यूट्रिशनल सिक्युरिटी ऑव इंडिया के अनुसार साल 1955-56 में मोटहन की खेती...
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स्मार्ट फसल से कृषि का विकास
क्या आप कभी यह सोच भी सकते हैं कि रसोईघर में बनाया जानेवाला भोजन अब लैब में भी बन सकता है? पर ऐसा संभव है. बानगी देखिए, लंदन में कुछ महीने पहले एक ऐसे बर्गर का प्रदर्शन प्रेस कांफ्रेंस के दौरान किया गया, जो लैब में तैयार किये गये मांस (मीट) से बना था. नीदरलैंड के वैज्ञानिकों का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक मार्क पोस्ट ने गाय की स्टेम कोशिकाओं की मदद...
More »खाद्य तेलों को महंगा करने की तैयारी
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। प्याज का मूल्य थमने से पहले ही खाद्य तेलों में तेजी की तैयारी शुरू हो गई है। सरकार रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात शुल्क में ढाई फीसद की वृद्धि करने जा रही है। इससे त्योहारी सीजन में खाद्य तेलों में महंगाई भड़कने की आशंका है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ यह फैसला सरकार के गले की हड्डी बन सकता है। खाद्य मंत्रालय ने...
More »महाराष्ट्र के कपास उत्पादक किसानों को खूब लुभा रहा ‘पीला सोना’
इंदौर। सोयाबीन या ‘पीले सोने’ की उपज से पसीने का बेहतर मोल मिलने की उम्मीदों के कारण महाराष्ट्र के कपास उत्पादक किसान तेजी से इसकी खेती की ओर मुड़ रहे हैं। पिछले तीन साल में महाराष्ट्र में सोयाबीन के रकबे में सिलसिलेवार इजाफा दर्ज किया गया है। सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के प्रवक्ता राजेश अग्रवाल ने बताया, ‘महाराष्ट्र में पारंपरिक रूप से कपास उगाने वाले ज्यादातर किसान अपेक्षाकृत बेहतर...
More »खरीफ खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष से ऊपर हो सकता है: शरद पवार
नई दिल्ली। इस बार देश में मानसून की अच्छी वर्षा के चालते खरीफ (गरमी की) फसलों का उत्पादन 12 करोड़ 93.2 लाख टन हो जाने का अनुमान है। यह पिछले साल की तुलना में थोड़ा ज्यादा है। देश के आधे से भी अधिक भाग में मानसून सामान्य रहा है। कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि, वर्ष 2013..14 में खरीफ में कुल खाद्यान्न उत्पादन पिछले वर्ष के मुकाबले निश्चित तौर पर...
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