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सिर्फ बीमारी देखेंगे या स्वास्थ्य सेवाओं को भी वेंटिलेटर से हटायेंगे ?

-मीडियाविजिल, इन दिनों पलाश, कचनार और कदम्ब के पेड़ों पर अजीब सी खुमारी छाई हुई हैं. कुदरत ने अपना रंग भरकर उनको नायाब बना दिया है. भौंरे तो मानो उनका सारा रस पी लेना चाहते हैं. दूसरी तरफ कोरोना वायरस के संकट ने पूरे इंसानी जगत को हिलाकर रख दिया है. इस वायरस पर न तो धरती के युद्ध टैंक काम आ रहे हैं और न ही चंद्रमा की जानकारी. ऊंचे-ऊंचे...

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देश में इन समूहों पर लटक रही है कोरोना वायरस के खतरे की तलवार!

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 25 और 30 मार्च, 2020 के बीच, भारत में कुल COVID-19 मामलों की कुल संख्या दोगुनी यानी 519 से बढ़कर 1,251 हो गई है. 6 दिनों की अवधि में, COVID-19 से होने वाली मौतों की कुल संख्या 9 से 32 हो गई है. इस महामारी जैसी स्थिति में, जब कोरोनोवायरस संक्रमण देश भर में जंगल की आग...

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लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में

-भोजन का अधिकार अभियान बिहार, सेवा में,                माननीय मुख्यमंत्री,                बिहार सरकार, पटना, बिहार विषय :   लॉकडाउन के बाद पटना के शहरी गरीबों की स्थिति पर रिपोर्ट साझा करने तथा स्लमों में राहत कार्य करने लिए इजाजत देने और सहयोग करने के संबंध में। महाशय, देश और राज्यों में COVID-19 के खतरे को देखते हुये सरकार द्वारा लॉकडाउन का ऐलान किया गया...

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एक अरब आबादी झुग्गियों में रहती हैं. क्या ये वायरस से बच पाएंगे?

-न्यूजलॉन्ड्री, हालांकि, पूरी दुनिया में कोविड-19 महामारी उन लोगों से फैली जो हवाई जहाज और लग्जरी क्रुज़ के खर्चे सहन कर सकते हैं, लेकिन अब यह वायरस सामाजिक रूप से अदृश्य और भुला दिए गए शहरी मलिन बस्तियों में रहने वालों को चुनौती दे रहा है. मलिन बस्तियों में रहने वाले एक अरब लोगों की संयुक्त राष्ट्र ने जो परिभाषा दी है उसके मुताबिक, स्वच्छ पानी और स्वच्छता के अभाव, खराब गुणवत्ता...

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यह बात बारहा सामने आई है कि कोरोना जैसी किसी भी महामारी से सर्वाधिक मौतें भारत में होंगी

-न्यूजलॉन्ड्री, इंडियन जर्नल फ़ॉर मेडिकल रीसर्च के मार्च 2018 के संस्करण में ललित कांत और उनके सहकर्मी रणदीप गुलेरिया ने एक लेख लिखा था. इसका शीर्षक था “पैंडेमिक फ़्लू 1918: आफ़्टर हंड्रेड ईयर इंडिया इज़ ऐज़ वल्नरेबल.” इस लेख का मुख्य बिंदु था कि हिंदुस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं की जैसी जर्जर हालत है उसे देखते हुए अगर स्पैनिश इनफ़्लुएंज़ा जैसी कोई भी महामारी दुनियां में फैलती है तो विश्व में सर्वाधिक...

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