SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2612

नयी इबारत लिखेगा कृषि अनुसंधान संस्थान

बरही/हजारीबाग : गौरिया करमा कृषि अनुसंधान संस्थान आइसीएआर की महत्वपूर्ण इकाई है. बरही के गौरिया करमा में 1000 करोड़ की लागत से राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान बनेगा. यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के तहत आता है, जो देश में कृषि अनुसंधान, शिक्षा तथा प्रसार को गति देनेवाली भारत सरकार की शीर्ष स्वायत्तशासी संस्था है. देश में 100 से अधिक शोध संस्थान, 71 कृषि विश्वविद्यालय तथा 642 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत...

More »

क्या ऐसे ही होगा आर्थिक विकास-- परंजय गुहाठाकुरता

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में 10 फीसदी की आर्थिक विकास दर को मुमकिन बताया है। इसके लिए उन्होंने सरकार की ओर से हो रहे आर्थिक सुधारों, नीतिगत बदलावों, बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में धन का प्रवाह बढ़ाने पर भरोसा जताया। साथ ही, अच्छे मानसून की उम्मीद भी उन्होंने जाहिर की। मगर, सवाल यह है कि क्या यह इतना आसान होगा। यह अचानक नहीं है कि वित्त मंत्री...

More »

'एक बड़े पत्रकार, एक सच्चे मानवतावादी'-- अमित सेनगुप्ता

क़रीब दो हफ़्ते पहले की बात है, प्रफुल्ल बिदवई मछली खाना चाहते थे. उन्हें पता था कि मेरे पड़ोस में बंगाली खाने का कारोबार करने वाले सागर चटर्जी मेरे दोस्त हैं. चटर्जी ने साइकिल पर अपने कारोबार की शुरुआत की थी. सागर और उनकी पत्नी स्वादिष्ट पूर्वी बंगाली व्यंजन बनाते हैं. मैंने प्रफुल्ल को फ़ोन करके यहाँ खाने का न्योता दिया. उन्होंने बताया कि वो 'भारतीय वामपंथ की चुनौतियाँ' विषय पर अपनी...

More »

योग का 'ब्रांड' बनाम बुनियादी चुनौतियां - मनोज जोशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं से बहुत संतुष्ट होंगे। वे न केवल देश के नेता हैं, बल्कि अब देश के शीर्ष योगकर्ता भी बन गए हैं। वैसे यह सोचना और देखना थोड़ा अजीब लगता है कि एक सार्वजनिक व्यायाम कार्यक्रम का नेतृत्व स्वयं देश के प्रधानमंत्री करें, लेकिन मोदी भी एक परंपरागत राजनेता कहां हैं! यकीनन, उनके द्वारा ऐसा बहुत सोच-समझकर ही किया गया होगा। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत 'योग...

More »

आपातकाल से हमने क्या सीखा- नीलांजन मुखोपाध्याय

किसी भी देश में थानेदार मानसिकता वाले लोगों की बड़ी संख्या आपको मिल जाएगी। भारत में इस तरह की सोच दरअसल औपनिवेशिक मानसिकता वाले ऐसे लोगों के जरिये आई है, जिन्हें अंग्रेजों ने स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया था। स्थानीय थाने के वे दारोगा हमारे आदर्श बने, जिनके पास निरंकुश क्षमता थी और जिन्हें अपने अधीनस्थों को किसी भी किस्म की सफाई देने की जरूरत नहीं थी। गणतंत्र...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close