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उज्जवला योजना के लिए पीएम ने की थी इस गांव की तारीफ, 50 फीसदी परिवार तंगहाल, न गैस, न गोबर

-डाउन टू अर्थ, बिहार की राजधानी पटना से 200 किलोमीटर दूर मधुबनी जिला के झंझारपुर अनुमंडल में स्थित सुखैत गांव में कुल 104 परिवार हैं। इस गांव में दो परिवारों को छोड़कर सभी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले हैं। आजीविका के लिए महानगरों में अनौपचारिक श्रम पर मजबूर इस गांव के घरों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मिलने वाले गैस सिलेंडर खाली रखे हैं और घरों से...

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पर्यावरण नियमों को ताक पर रखने वाली कंपनियों के लिए मुख्यमंत्री खट्टर ने की लॉबिंग!

-गांव सवेरा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा केमिकल कपंनियों को एनवायरमेंट क्लीयरेंस दिलाने के लिए लॉबिंग का मामला सामने आया है. यमुनानगर स्थित 15 केमिकल कंपनियां पर्यावरण नियमों का पालन किये बिना धड़ल्ले से चल रही थी. कई साल बाद ये कंपनियां पर्यावरण अनुमति हासिल करने के योग्य नहीं थी लेकिन ऐसे में खुलासा हुआ है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने इस साल मार्च में इन केमिकल कंपनियों को पर्यावरण...

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एनएसओ सर्वेक्षण: साल 2019 में उत्तर भारत के मुकाबले दक्षिणी राज्यों में ऋणग्रस्त कृषि परिवारों का अनुपात अधिक है!

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019', हाल ही में जारी किया गया था. यह सर्वेक्षण अन्य कई बातों के अलावा फसल वर्ष 2018-19 में किसान परिवारों की आय और वर्ष 2019 में ऋणग्रस्तता (सर्वेक्षण की तारीख) के बारे में सूचित करता है. हाल में जारी की गई इस रिपोर्ट से पहले,...

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मुस्लिम-विरोध और हिंसा: वीएचपी की 10 पत्रिकाओं का लेखाजोखा

-न्यूजलॉन्ड्री, किताबें, अखबार और पत्रिकाएं जहरीली विचारधारा प्रसारित करने का सबसे महत्वपूर्ण हथियार है. सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन ने एक बार कहा था, "किताबें अन्य सभी प्रचार माध्यमों से मुख्य रूप से भिन्न होती हैं क्योंकि एक पुस्तक किसी भी अन्य माध्यम से ज्यादा, पाठक के दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकती है." लगभग 1870 से 1918 तक भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रारंभिक चरण में राजनीतिक प्रचार और शिक्षा, राष्ट्रवादी विचारधारा...

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क्या है WHO के नए एअर क्वॉलिटी गाइडलाइंस में, भारत के लिए इसके क्या मायने हैं

-द प्रिंट, 15 वर्षों के अंतराल के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक वायु गुणवत्ता दिशानिर्देशों (ग्लोबल एअर क्वॉलिटी गाइडलाइंस) का एक नया और अद्यतन संस्करण जारी किया, जो पूरे विश्व से इकट्ठा किए गये नवीनतम वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर इस दुनिया की समूची आबादी के स्वास्थ्य की रक्षा हेतु अनुशंसित वायु गुणवत्ता स्तरों की रूपरेखा तय करता है. इस बारे में डब्ल्यूएचओ द्वारा 2005 में दिए गये आखिरी अपडेट के...

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