कृषि क्षेत्र के लिए टर्म्स ऑफ ट्रेड यानी उसके उत्पादों की मिलने वाली कीमत और उसके द्वारा खऱीदे जाने वाली वस्तुओं और उपयोग की जाने वाली सेवाओं के लिए चुकायी जाने वाली कीमत के अनुपात के मामले में एनडीए सरकारों का दौर किसानों के लिए फायदेमंद नहीं रहा है। इसे केवल संयोग कहा जाए या नीतियों के मोर्चे पर किसानों के हितों की अनदेखी। लेकिन सचाई यह है कि पिछली...
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आम आदमी की जिंदगी कैसे बदल सकता है नीति आयोग- संतोष महरोत्रा
योजना आयोग की जगह लेने वाले नीति आयोग को राज्यों के लिए एक नॉलेज हब माना जा रहा है। बतौर थिंक टैंक इसकी क्या भूमिका होनी चाहिए इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ने जनता से भी सुझाव मांगे थे। अब तक के इतिहास पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि योजना आयोग राज्यों में हो रहे बेहतरीन कार्यक्रम व योजनाएं के संग्रह और इन्हें देश के दूसरे इलाकों में सफलतापूर्वक...
More »‘मेक इन इंडिया’ से ज्यादा जरूरी है मेक फॉर इंडिया
उद्योग जगत और बाजार को बजट से अनेक अपेक्षाएं हैं. आर्थिक सुधारों को तेज करने, देश के मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ाने और निवेश में वृद्धि के सरकार के वादों और इरादों की प्रस्तुति बजट में हो सकती है. सरकार के सामने अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करने, रोजगार बढ़ाने और व्यापार घाटा कम करने की चुनौतियां हैं. सरकार द्वारा अब तक उठाये गये कदमों और संभावित तथा वांछित पहलों पर जानकारों की...
More »BUDGET 2015: फूड और फ्यूल सब्सिडी बिल में हो सकती है 20% की कटौती
नई दिल्ली। आगामी बजट में सरकार खाद्य और ईंधन सब्सिडी बिल में 20 फीसदी यानी करीब 8 अरब डॉलर की कटौती कर सकती है। मामले से जुड़े दो सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सब्सिडी के लिए कुल बजट लगभग 32 अरब डॉलर रख सकते हैं। पिछले साल यह आंकड़ा 40 अरब डॉलर था। कुल सब्सिडी में 80 फीसदी यानी 6.5 अरब डॉलर की बचत ईंधन सब्सिडी...
More »भाषाई मानवाधिकार का मसला - लाल्टू
मराठी साहित्य में अपने योगदान के लिए इस साल ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले भालचंद्र नेमाड़े ने कहा है कि अंगरेजी की वजह से भारतीय भाषाएं खत्म हो रही हैं। वे इससे भी आगे बढ़ कर यहां तक कह गए हैं कि हमें अंगरेजी को हटाने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। सलमान रुश्दी और सर विदिया नायपॉल का जिक्र करते हुए नेमाड़े ने कहा कि भारतीय भाषाओं में जो लिखा...
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