भोपाल। शहरी गरीबों और झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को मकान देने की केंद्र सरकार की विभिन्न् योजनाओं का काम मध्यप्रदेश में बेहद सुस्त गति से चल रहा है। आलम यह है कि तीन योजनाओं में पिछले तीन साल में प्रदेश में सिर्फ 18 हजार मकान बने हैं, जबकि अन्य राज्यों में यह संख्या पचास हजार तक पहुंच चुकी है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2022 तक पूरे देश...
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एनडीए के तीन साल- सबसे बड़ी चुनौती रोजगार बढ़ाने की..
अगले महीने शासन के तीन साल पूरा करने जा रही एनडीए सरकार के लिए रोजगार सृजन के मोर्चे से बुरी खबर है ! देश के तकरीबन लगभग 50 फीसद राज्यों में बीते सालों में रोजगार के अवसरों में कमी आई है. बीते छह फरवरी को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 2013-14 की तुलना में 2015-16 में बेरोजगारी दर में...
More »बच्चों को बीमार कर रही हैं बड़ों की उम्मीदें और दबाव- ऋतु सारस्वत
अवसाद अब बड़ों की व्याधि नहीं रही, वह बच्चों को भी गिरफ्त में ले रही है। हाल ही में ‘दक्षिण पूर्व एशिया में किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति : कार्रवाई का सबूत' नामक विश्व स्वास्थ्य की रिपोर्ट ने यह खुलासा किया कि भारत में 13 से 15 साल की उम्र के हर चार बच्चों में से एक बच्चा अवसाद से ग्रस्त है और आठ प्रतिशत किशोर चिंता की वजह...
More »घोर विपदा की तरफ बढ़ता कश्मीर-- पी चिदंबरम
जम्मू एवं कश्मीर की स्थिति पर मैंने कई बार लिखा है, खासकर कश्मीर घाटी की स्थिति के संदर्भ के साथ। अप्रैल से सितंबर 2016 के दरम्यान, प्रस्तुत पेज पर, इस विषय पर छह स्तंभ आए। मेरा मुख्य तर्क यह था कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-भाजपा सरकार और केंद्र सरकार ने जो नीतियां अख्तियार की हुई हैं उनके चलते हम कश्मीर को खो रहे हैं। कश्मीर घाटी के बाहर, कुछ ही लोगों...
More »उज्जवला की गैस से होटल में बन रही चाय, गरीब की रसोई में अब भी धुआं
हरिओम गौड़/ अजीत तिवारी। भोपाल/श्योपुर। गरीबों की रसोई को धुआंमुक्त करने के मकसद से शुरू हुई उज्जवला योजना गरीब की रसोई नहीं बल्कि होटलों के किचन को उज्जवल कर रही है। बड़ी संख्या में गरीबों ने योजना के तहत मुफ्त में मिले गैस सिलेंडर चाय-नाश्ते की होटल वालों को बेच दिए हैं जो महंगे कर्मशियल सिलेंडर की जगह इन सिलेंडर का इस्तेमाल कर अपने पैसे बचा रहे हैं। हालात यह हैं...
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