नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से लिए गए नोटबंदी के फैसले के बाद से देशभर में जारी अफरातफरी के माहौल के बीच एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट बताती है कि देश के अमीर और अमीर हो गए हैं और गरीब तबका और गरीब। यह रिपोर्ट क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने जारी की है। यह कहती है रिपोर्ट क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट 2016 बताती...
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18 कंपनियों की 27 बड़ी दवाइयां क्वालिटी में फेल
सात राज्यों के दवा नियामकों के अनुसार 18 बड़ी कंपनियों की 27 दवाइयों में घटिया गुणवत्ता, गलत लेबल लगाने, सामग्री की गलत मात्रा, रंग खोने, नमी बनने, टूटने और घुलने में समस्या का मामला सामने आया है। जिन कंपनियों की दवाओं को लेकर सवाल उठे हैं उनमें एबॉट इंडिया, ग्लैक्सो स्मिथकलाइन (जीएसके) इंडिया, सन फार्मा, सिप्ला और ग्लेनमार्क फार्मा शामिल है। इनमें टॉप की आठ कंपनियों की दवाएं भी शामिल...
More »समय पर दवा नहीं मिलने से अपंग हो चुके सौ से ज्यादा मरीज
सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। रक्त से जुड़ी दुर्लभ बीमारी हीमोफीलिया की दवा नहीं मिलने से इंदौर संभाग के सौ से ज्यादा लोग अपंग हो चुके हैं जबकि पूरे संभाग में 235 से ज्यादा लोग इससे जूझ रहे हैं। इलाज उपलब्ध करवाने के लिए मरीज सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन अब तक न बजट स्वीकृत हुआ, न दवा की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकी है। हीमोफीलिया के मरीज को...
More »कैसे रुकेंगे सड़क हादसे- रमेश सर्राफ धमोरा
ऐसा कोई दिन नहीं गुजरता जिस दिन देश के किसी भी भाग में सड़क हादसा न हो और कुछ लोगों को जान से हाथ न धोना पड़े। अमूमन सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होने वाले आम जन होते हैं। इसलिए वे अखबारों की सुर्खियां नहीं बन पाते, जिससे उन दुर्घटनाओं पर लोगों का ध्यान भी नहीं जाता है। आंकड़ों के मुताबिक हमारे देश में हर मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती...
More »शीर्ष संस्थाओं में उचित नहीं टकराव - अरविंद मोहन
देश इस समय नोटबंदी के फैसले से उपजी नकदी की अपर्याप्त उपलब्धता की समस्या से जूझ रहा है और शासन के दो अंग- कार्यपालिका तथा न्यायपालिका अपने अहं की लड़ाई में लगे हैं। इसका एक दौर तो दीपावली के आसपास हुआ था, पर एक दौर अभी-अभी बीता है। हाई कोर्ट के जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली के तहत दरअसल जिन नामों को जज बनाने की सिफारिश की गई...
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