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मातृत्व अवकाश पर चर्चा जरूरी-- अंजलि सिन्हा

अमेरिकी मूल की बहुद्देशीय कंपनी याहू की सीइओ मारिसा मायेर आगामी दिसंबर में अपनी जुड़वा बेटियों को जन्म देनेवाली हैं. अभी वह अपनी कंपनी के काम में जितनी व्यस्त हैं, उसकी उन्हें खूब प्रशंसा मिल रही है. जिस समय मारिसा ने याहू की नौकरी ज्वॉइन की थी, तब भी वह गर्भवती थीं और नौकरी के दौरान ही उन्होंने अपने पहले बेटे काे जन्म दिया था. अपने इंटरव्यू में उन्होंने यह...

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आशाओं का इंद्रधनुष-- डा.वी के पॉल

अग्रिम मोर्चे पर पैदल सैनिकों की सहायता से ही कुछ महत्वपूर्ण युद्ध जीते जाते हैं। मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चरण का आगाज इसी अक्तूबर में होने वाला है, और इस अभियान के पैदल सैनिक निश्चय ही स्वास्थ्य सेविकाएं हैं, जो बच्चों का टीकाकरण कर टीके से रोके जाने वाले रोगों से लड़ने में सहायता कर रही हैं। गर्मी की तेज धूप हो या मानसून की तेज बारिश, ये स्वास्थ्य सेविकाएं...

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जिल्लत की जिंदगी जी रहीं महिलाएं इंसाफ के इंतजार में

गौतम चौबे, रायपुर। छत्तीसगढ़ में टोनही प्रताड़ना से पीड़ित महिलाएं 15 साल से न्याय का इंतजार कर रही हैं। सालों बीत जाने के बाद भी उनके माथे से कलंक नहीं मिट पाया है और वे जिल्लत की जिंदगी जी रही हैं। अदालत की धीमी रफ्तार के कारण अभी तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया है और वे वयोवृद्ध हो चुकी हैं। पीड़िता श्याम बाई साहू 70 साल की हो चुकी...

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211 ग्राम पंचायतों के नौनिहाल कुपोषण प्रभावित

रायगढ़ (निप्र)। जिले की 692 ग्राम पंचायतों में 211 ऐसी हैं जहां के नौनिहाल कुपोषण के चंगुल से मुक्त नहीं हो पाए हैं। नवा जतन योजना के चतुर्थ चरण के तहत कुपोषण से लड़ने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन विभाग के प्रयास का लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है। जिले में 2680 आंगनबाड़ी केन्द्र मौजूद है। 692 ग्राम पंचायत ऐसी हैं जिन्हें नवा जतन योजना के माध्यम से...

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सबर आदिवासियों के सब्र की इंतेहा-- ज्यां द्रेज

आदिवासी सबर समुदाय को जब तक कोई नजदीक से न देखे तब तक कभी जान नहीं सकता कि वो कैसे रहते हैं. और वहां तक पहुंचने के लिए भी ऐसे किसी इंसान से मदद लेनी पड़ेगी, जो उनकी रिहाइश के बारे में जानता है. हम किसी तरह झारखंड के पूर्वी सिंहभूम ज़िले में पोटका ब्लॉक के सुदूर इलाक़े की पतली पगडंडियों को पार करते हुए उनके घरों या कहें बिखरी हुई झोपड़ियों...

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