पटना : राज्य के हर प्रखंड में छह-छह कार्यक्रम पदाधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी. इस प्रकार 3,200 से अधिक पदाधिकारी संविदा पर बहाल होंगे. इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया जून, 2012 तक पूरी कर ली जायेगी. स्कूलों में चलायी जा रही योजनाओं की मॉनीटरिंग करना इनका मुख्य कार्य होगा. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को 6,000 रुपये मानदेय मिलेगा. पोशाक योजना, साइकिल...
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शहर अंदर ‘समंदर’- शिरीष खरे की रिपोर्ट(तहलका, हिन्दी)
यह राजस्थान में जोधपुर शहर के यूएस बूट हाउस का एक जादुई बेसमेंट है. जादुई इसलिए कि यह शहर शुष्क रेगिस्तान के मुहाने पर बसा है लेकिन इस बेसमेंट में बारहमासी पानी रिसता रहता है. हालांकि इसकी नींव में कई सालों से पानी रिसता रहा है, लेकिन बीते दो साल से पानी इस स्तर तक बढ़ गया कि पांच पंपों से 24 घंटे पानी उलीचने पर भी यह कम होने का...
More »कृषि में मदद नहीं दे रहा केंद्र
पटना : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह ने कहा कि बिहार में कृषि के विकास के लिए केंद्र उम्मीद के अनुसार समुचित मदद नहीं कर रहा है. राज्य में कृषि के कई महत्वपूर्ण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. सात वर्षो में कृषि का बजट 24 करोड़ से 1,200 करोड़ कर दिया गया है. खरीफ महोत्सव रथ रवाना जिलों के लिए खरीफ महोत्सव रथ रवाना करने के बाद मंगलवार को पशु चिकित्सा महाविद्यालय सभागार में...
More »किसानों की फिक्र (संपादकीय- दैनिक भास्कर)
जमीन पर कब्जा एक बड़ा मुद्दा है। भूमि अधिग्रहण का सवाल भारत में सामाजिक तनाव की खास वजह बना हुआ है। इस मुद्दे ने विकास की नीति एवं योजनाओं के लिए गंभीर चुनौती पैदा की है। समस्या इसलिए ज्यादा गंभीर है, क्योंकि जमीन का सीधा संबंध अनाज की पैदावार से है। खेती की जमीन का अन्य तरह का उपयोग खाद्य सुरक्षा की कीमत पर ही होता है। खबरों के मुताबिक वर्ष 2000 और...
More »पानी का निजीकरण यानी विनाश- कुमार प्रशांत
हमारे प्रधानमंत्री ने रहीम को कब और कितना पढ़ा, यह तो पता नहीं, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने जल सप्ताह के आयोजन में पानी को लेकर जो बातें कहीं, उससे एक बात तो साफ हो गई कि उन्हें पानी की चाहे जितनी फिक्र हो, पानी की पहचान नहीं है। प्रकृति ने जो कुछ अक्षय और सर्वसुलभ बनाया था, उसमें सबसे पहले हवा और पानी का नाम आता है। कभी किसी ने सोचा...
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