डाउन टू अर्थ, 16 सितम्बर वैश्विक स्तर पर आज से एक नई गरीबी रेखा को अपनाया गया है। इसके साथ ही विश्व बैंक ने अपने गरीबी और असमानता के आंकड़ों को भी अपडेट किया है। लेकिन इस अपडेट में दशकों से छूटी हुई एक और चीज है जिसे जोड़ा गया है और वो हैं भारत के गरीबी से जुड़े आंकड़ें। इन आंकड़ों से न केवल वैश्विक रूप से गरीबी के स्तर...
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भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर क्यों किया बैन, क्या अन्य किस्मों पर भी लग सकता है प्रतिबंध
दिप्रिंट, 13 सितम्बर 8 सितंबर को दुनिया के सबसे बड़े चावल निर्यातक देश भारत ने खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए निर्यात प्रतिबंधों की घोषणा की. इस कदम का अनुमान पहले से लगाया जा रहा था क्योंकि कम बारिश के कारण कम और देरी से बुवाई से उत्पादन प्रभावित होने की आशंका बनी हुई है. इस साल तेज गर्मी गेहूं की उपज में कमी का कारण बनी, जिस वजह...
More »जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी को धीमा करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाना होगा
विश्व जनसंख्या दिवस पर UNDESA की रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के बारे में अनुमान लगती है. 15 नवंबर, 2022 तक विश्व की जनसंख्या बढ़ कर 8 बिलियन हो जाएगी साथ ही वर्ष 2023 में भारत चीन को पछाड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. रिपोर्ट आने के साथ ही जनसंख्या वृद्धि का मुद्दा फिर से आमजन की बातचीत का विषय बन गया. इसी रिपोर्ट...
More »क्या है भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का भविष्य ?
आज भारत की आबादी 1.4 बिलियन है जो कि निरंतर बढ़ रही है. बढ़ती हुई जनसंख्या और राष्ट्र में आर्थिक वृद्धि के लिए वाहनों की मांग रहती है. अब तक के आंकड़ों के अनुसार भारत में कुल 29.11 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं. आर्थिक वृद्धि से इतर वाहनों ने पर्यावरण को प्रदूषण के रूप में तोहफा भी दिया है. तो जवाब में पर्यावरण ने जलवायु परिवर्तन के रूप में वापसी उपहार दिया...
More »मानसून ही क्यों है हमारा असली वित्त मंत्री
न्यूजलॉन्ड्री, 31 अगस्त हमारी खेती का बड़ा हिस्सा मानसूनी वर्षा पर ही निर्भर है. यानी खेती-किसानी को एक अच्छे मानसून की हर साल जरूरत पड़ती है. वहीं, देश की लगभग दो-तिहाई आबादी का जीवनयापन खेती से ही चलता है. पिछले कुछ दशकों में भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपने आर्थिक प्रदर्शन के लिए कृषि पर निर्भरता में कमी की हो लेकिन आर्थिक सर्वेक्षण 2022 के मुताबिक अब भी हमारी अर्थव्यवस्था में...
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