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मुख्यमंत्री के वादे के बाद भी जमीन के लिए तरस रहे किसान

भोपाल। करीब एक साल पहले राजधानी में उजागर हुए 1600 एकड़ जमीन घोटाले में अब तक न तो दोषियों के खिलाफ एफआईआर हुई है और न ही रजिस्ट्री निरस्त करने की कोई कार्रवाई। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद 169 किसानों में से किसी को भी जमीन वापस नहीं मिल सकी है।   पिछले साल 13 अक्टूबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भूमि विकास बैंक द्वारा भोपाल जिले के किसानों की जमीन औने-पौने...

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बीज विधेयक किसानों की हित-रक्षा में नाकाम

बीज विधेयक 2010 संसद के मौजूदा सत्र में बहस के बाद पारित किए जाने के लिए तैयार है। इस विधेयक का शुरुआती मसौदा किसानों के बजाय कृषि-व्यवसायियों के फायदे में होने के कारण विवादास्पद साबित हुआ था। पहले संसदीय स्थायी समिति और फिर सर्वदलीय बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद कई किसान संगठनों, विपक्षी राजनीतिक दल तथा नागरिक संगठनों का मानना है कि यह विधेयक छोटे और सीमांत किसानों के हितों की रक्षा में सफल नहीं...

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केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी कृषि से शुरुआत

बिलासपुर.इसे संयोग ही कहें कि अविभाजित मध्यप्रदेश के मंत्रिमंडल में भी डा. चरणदास महंत ने पारी की शुरुआत बतौर कृषि मंत्री की थी और केंद्र में भी उन्हें यही ओहदा मिला है। कृषि मंत्रालय मिलने के पीछे खेती-किसानी में उनकी गहरी रुचि को वजह माना जा रहा है। सारागांव में जन्मे, पले-बढ़े डा. चरणदास महंत पहली बार 1985 में अविभाजित मध्यप्रदेश में मंत्री बने। राज्य मंत्रिमंडल में उन्हें कृषि मंत्रालय मिला था।...

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मेहनतकश की मजदूरी का सवाल : हर्ष मंदर

‘खेतों और फैक्टरियों में काम करने वाले हर मजदूर और कामगार को कम से कम इतना अधिकार तो है ही कि वह इतनी मजदूरी पाए कि अपना जीवन सुख-सुविधा से बिता सके..।’ वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में अध्यक्षीय भाषण दे रहे जवाहरलाल नेहरू ने यह बात कही थी। इसके नौ दशक बाद स्वतंत्र भारत की केंद्र सरकार ने कहा कि लोककार्य के लिए कानून द्वारा स्थापित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान...

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आंदोलन के बाद उठे सवाल : महेश रंगराजन

भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना हजारे के आंदोलन ने जनता के मन में जगह बना ली और सरकार को लोकपाल विधेयक के संबंध में चुस्ती-फुर्ती दिखानी पड़ी। सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार और उसे नियंत्रित करने के श्रेष्ठ तरीकों के बारे में सक्रिय बहस जारी है। अन्ना के अहिंसक आंदोलन ने युवाओं और आमतौर पर गैरराजनीतिक रुझान रखने वाले मध्यवर्ग को भी प्रभावित किया। यह भी उल्लेखनीय है कि नए विधेयक की प्रक्रियाएं...

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