हर साल की तरह इस साल भी ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट आई। भ्रष्टाचार के वैश्विक पैमाने पर भारत अंकों के आधार पर वहीं खड़ा है। पिछले हफ्ते ऑक्सफेम सहित दुनिया की तीन आर्थिक विश्लेषण संस्थाओं ने बताया कि भारत में विगत 25 सालों में गरीब-अमीर की खाई खतरनाक रूप से बढ़ती जा रही है। गरीब और गरीब होता जा रहा है, अमीर और अमीर। हमने कानून बनाए। भ्रष्टाचार के मुद्दे...
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वंचितों के उत्थान से ही देश का उत्थान-- आकार पटेल
भारतीय जनगणना, 2011 के अनुसार, देश में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों की संख्या देश की कुल आबादी में 25 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है. इनमें 16.6 प्रतिशत दलित हैं और 8.6 प्रतिशत आदिवासी हैं. ये दो अन्य संज्ञाएं हैं, जिनके द्वारा इन समुदायों (जिन्हें अंगरेज अनटचेबल और ट्राइबल कहा करते थे) को संबोधित किया जाता है. भारत की एक चौथाई आबादी का अर्थ...
More »दिखावे से पर्यावरण नहीं सुधरेगा- तवलीन सिंह
जो बात हम दिल्ली वालों के दिल में थी, वह बात अंततः दिल्ली हाई कोर्ट के जज साहब ने कह डाली। दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सम-विषम योजना नाकाम रही है, यह जानने के लिए एक सप्ताह बहुत है। इस दौरान दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम नहीं हुआ है। और यह योजना अगर और एक सप्ताह चलती है, तो सार्वजनिक यातायात सेवाएं उसका...
More »सबसे गरम सर्दी का संदेश-- सुनीता नारायण
यह जानने के लिए हमें किसी विश्लेषक की जरूरत नहीं कि इस बार शायद अब तक की सबसे गरम सर्दी के मौसम का हम सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने भी बताया है कि 21 दिसंबर से दिल्ली का अधिकतम तापमान लगातार 22 डिग्री सेंटीग्रेड के ऊपर बना हुआ है। मौसम ही नहीं, पिछले साल से इस साल के पहले महीने तक कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्हें लेकर...
More »कड़े कानून के साथ सुधार पर हो जोर - क्षमा शर्मा
जिस वक्त जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में संशोधन की बहस राज्यसभा में चल रही थी, उस समय निर्भया के माता-पिता भी दर्शक दीर्घा में बैठे थे। राज्यसभा में यह बिल छह महीने से लटका था, लेकिन जैसे ही इस किशोर अपराधी के छूटने की खबरें आने लगीं, मीडिया, गैरसरकारी संगठनों और राजनीतिक दलों के लोग इस किशोर के सुधारगृह से बाहर आने, न आने पर बहस करने लगे। बहस का मूल...
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