SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 146

भूखे रहे लोग तो स्थिति विस्फोटक

विश्व खाद्य दिवस पर विशेष भूख से लड़ने में दुनिया भर में हो रहे प्रयासों के बीच भारत की एक तस्वीर यह भी है कि गोदामों में सड़ते अनाज के बावजूद करोड़ों लोग भूखे हैं। उभरती अर्थव्यवस्था के अलावा देश की इस तस्वीर का कारण जो भी हो, विशेषज्ञों का मानना है कि इसका परिणाम देश की छवि धूमिल होने के तौर पर ही सामने आएगा। कृषि प्रधान देश भारत में लोग भूख के कारण...

More »

बढ़ रहा है जनता में जनाक्रोश

नई दिल्ली [उमेश चतुर्वेदी]। महंगाई की आग के खिलाफ पाच जुलाई के भारत बंद पर कारपोरेट तरीके से मूल्याकन के जरिए भले ही लाख सवाल उठाए जा रहे हों, लेकिन यह सच है कि इस बंद ने महंगाई की आग से झुलस रहे अधिसंख्य भारतीयों के गुस्से और क्षोभ को ही अभिव्यक्ति दी है। इस क्षोभ और गुस्से का महत्व इसलिए कम नहीं हो जाता कि इससे तेरह हजार या बीस...

More »

अनाज उत्पादन में रिकार्ड बढ़त की संभावना-एफएओ

फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाईजेशन (एफएओ) द्वारा जून महीने में प्रकाशित द फूड आऊटलुक में कहा गया है कि साल २०१०-११ में दुनिया में अनाज का उत्पादन २२७९.५ मिलियन टन होने की संभावना है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड बढत है। पिछले साल २२५३.१ मिलियन टन अनाज उत्पादन हुआ था और इसकी तुलना में साल २०१०-११ का उत्पादन १.२ फीसदी ज्यादा है। एफएओ के मुताबिक अनाज के उत्पादन में...

More »

नरेगा में एक लाख रुपए की क्षतिपूर्ति

नई दिल्ली. केंद्र मनरेगा के तहत काम करने वालों की किसी दुर्धटना की स्थिति में मृत्यु हो जाने अथवा स्थायी अपंगता पर मुवाअजा राशि बढ़ाकर एक लाख रुपए करने की सिफारिश पर गंभीरता से विचार कर रहा है। मनरेगा के तहत मौजूदा मुवाअजा राशि 25 हजार रुपए है। मनरेगा पर अमल की समीक्षा करने वाली संसदीय लोक लेखा समिति ने अपनी आठवीं रिपोर्ट में सरकार से कहा है क्षतिपूर्ति की राशि बढ़ाई जाए। समिति ने इसके लिए...

More »

अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला

नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close