यह बेहद चिंताजनक तथ्य है कि दुनिया भर में टीबी (तपेदिक) की राजधानी कहे जाने वाले भारत में इस वर्ष पंद्रह लाख से ज्यादा नए तपेदिकमरीजों की पहचान हुई है। यह खुलासा खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें कहा गया है कि 2017 में 1 जनवरी से लेकर 5 दिसंबर के बीच 15,18,008 मरीज मिले हैं। इनमें से 12,05,488 मरीजों की पहचान सरकारी अस्पतालों से हुई...
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शिक्षा सुधार की बुनियाद--- जगमोहन सिंह राजपूत
पिछले दो साल से देश की नई शिक्षा नीति बनाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके पहले शिक्षा नीति 1968, 1986 और 1992 में पुनर्निर्धारित हुई थी। बड़े परिवर्तन आवश्यक थे, और हुए भी, मगर जो अपेक्षाएं नीतिगत स्तर पर की गर्इं, वे कभी पूरी नहीं हो सकीं। धीरे-धीरे शिक्षा केवल परीक्षा-आधारित कष्टप्रद बोझ बन गई। बोर्ड परीक्षा के अंक-प्रतिशत ही एकमात्र लक्ष्य बन कर रह गए। कक्षाओं तथा स्कूलों...
More »यूपी की 'सेहत' सबसे खराब, नीति आयोग ने जारी किया राज्यों का स्वास्थ्य सूचकांक
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। राज्यों में स्वास्थ्य का हाल बताने वाली नीति आयोग की हेल्थ इंडेक्स (स्वास्थ्य सूचकांक) पर केरल देश में सर्वश्रेष्ठ जबकि उत्तर प्रदेश सबसे फिसड्डी राज्य है। स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत बयां करने वाले इस सूचकांक पर यूपी का प्रदर्शन झारखंड, उड़ीसा और बिहार से भी बदतर है। झारखंड प्रदर्शन तेजी से सुधारने के मामले में सबसे आगे है। केंद्र शासित क्षेत्रों में राजधानी दिल्ली हेल्थ इंडेक्स...
More »शोर ज्यादा, मतलब की बातें कम-- अभिजीत मुखोपाध्याय
जैसी कि उम्मीद थी, केंद्रीय बजट-कम-से-कम बजट भाषण- में खेती और ग्रामीण क्षेत्र पर बहुत ही अधिक फोकस किया गया है. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत से डेढ़ गुना करने का फैसला 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के सरकार के दीर्घकालिक महत्वाकांक्षा के अनुरूप है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने भाषण में कहा है कि नीति आयोग द्वारा तैयार प्रणाली के जरिये न्यूनतम समर्थन मूल्य तय...
More »आर्थिक विषमता के बीच विकास का सच-- राजकुमार सिंह
एक और गणतंत्र दिवस के जश्न की तैयारी। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत की शक्ति और शौर्य का राजपथ पर शानदार प्रदर्शन होगा। हमेशा की तरह भारतवासी तो इसके साक्षी बनेंगे ही, अंतर्राष्ट्रीय संगठन आसियान के दस सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुख भी इस मौके पर खास मेहमान होंगे। बेशक स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्व हैं। हमें इन्हें समारोहपूर्वक मनाना ही चाहिए। अपनी उपलब्धियों पर गर्व...
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