सड़कों को तरक्की का मानक बनाने का एक नतीजा यह हुआ कि अपने जलमार्गों को हम भूल गए, जबकि इन्हें प्राकृतिक पथ कहा जाता है। सड़कें हम बनाते हैं, इन्हें तो कुदरत ने बनाया है। यही प्राकृतिक पथ कभी भारतीय परिवहन की जीवन-रेखा हुआ करते थे। लेकिन समय के साथ आए बदलावों व परिवहन के आधुनिक साधनों के चलते बीती एक सदी में भारत में जल परिवहन क्षेत्र बेहद उपेक्षित...
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लहसुन की माला और नाड़े से कर रहे कुपोषण का इलाज!
खंडवा। सुमित अवस्थी। कम वजन के बच्चे, खांसी और बुखार से ग्रसित लेकिन डॉक्टरी इलाज की जगह झाड़-फूंक पर भरोसा। किसी बच्चे के गले में लहसुन की माला तो किसी के पीपल के पत्ते। किसी को मतरा हुआ पानी दिया जा रहा है तो कोई नाड़ा बांधे हुए है। पिछले 45 दिन में चार बच्चों की मौत के बाद भी कुपोषित बच्चों को न तो मां-बाप बाल शक्ति केंद्र ला...
More »मध्यप्रदेश-- श्योपुर क्षेत्र में एक ही दिन में मिले 240 कुपोषित बच्चे
योपुर। कुपोषण के हालात जानने के लिए जिन 10 टीमों को गांवों में भेजा गया, उन टीमों ने पहले दिन ही 66 गांवों से 240 कुपोषित बच्चे ढूंढ निकाले। इनमें से 83 अति कुपोषित बच्चे हैं, जिनको एनआरसी में भर्ती करवाना शुरू कर दिया गया है। जिले में कुपोषण के हालात इतने भयाभह हैं कि सारी तैयारियांं और संशाध्ान कम पड़ रहे हैं। हालत यह है कि एनआरसी में बेड नहीं...
More »झारखंड-- ठगे जा रहे हैं मनरेगा के मजदूर !
साल की शुरुआत में वित्त मंत्री ने कहा था कि एनडीए सरकार ने मनरेगा के तहत खर्च बढ़ाकर एक रिकार्ड उंचाई पर पहुंचा दिया है लेकिन राज्यों से मनरेगा की मजदूरी के भुगतान के बारे में आने वाली खबरें वित्तमंत्री के इस दावे को झुठलाती है. नया मामला झारखंड का है जहां हजारों नरेगा मजदूरों की बीते अप्रैल से जून महीने की मजदूरी का भुगतान फंड की कमी के कारण नहीं...
More »मलेरिया मुक्त हुआ श्रीलंका, भारत के लिए अभी सपना
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने श्रीलंका को मलेरिया-मुक्त देश घोषित कर दिया है. मालदीव के बाद दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र में श्रीलंका दूसरा ऐसा देश बन गया है. कुछ दशक पहले तक श्रीलंका की गिनती सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित देशों में होती थी, लेकिन 1990 के दशक के आखिरी दौर में इससे समग्रता से निबटने के लिए मलेरिया-रोधी अभियान शुरू किया गया. नतीजतन वर्ष 1999 में जहां इसके 2,64,549 मामले पाये गये,...
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