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रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज

नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...

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बच्चे पढ़ने लगे बिहार के राघव की कहानी

पटना [भारतीय वसंत कुमार]। बिहार में वैशाली जिले के मंसूरपुर में रहने वाले राघव की कहानी इन दिनों देश के बच्चे पढ़ने लगे हैं। राघव ने बिना किसी तकनीकी शिक्षा के अपने गांव के लिए 'कम्युनिटी रेडियो' का माडल विकसित किया। इस राह में उसे कड़े संघर्ष का सामना करना पड़ा। पुलिस के चक्कर भी लगाने पड़े। लेकिन उसके प्रयास को सफलता मिली और इस समय वह अजमेर [राजस्थान] के बेयरफुट कालेज में कम्युनिटी रेडियो स्टेशन...

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यूनिक कोड को हर संभव सहायता देने का फैसला

दिल्ली मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला किया कि वह यूआईडीएआई के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर करेगी। सरकार ने इस परियोजना के काम पर दिल्ली में नजर रखने के लिए दो समितियां बनाने का भी फैसला किया है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। शीला दीक्षित ने बताया कि यूआईडीएआई को अनूठी पहचान संख्या परियोजना की कामयाबी के लिए हर संभव सहायता देने के लिए सरकार...

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साल के अंत तक भारत में खाद्य बैंक

नई दिल्ली। भारत में इस साल के अंत तक एक वैश्विक गैर लाभकारी संगठन खाद्य बैंकों की शुरुआत करेगा। प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इन खाद्य बैंकों की मदद से जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। शिकागो के ग्लोबल फूडबैंकिंग नेटवर्क [जीएफएन] ने भारत में फूड बैंक खोलने का फैसला किया है। जीएफएन 30 देशों गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रहा है। पित्रोदा जीएफएन के बोर्ड में हैं।...

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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...

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