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नये भूमिअधिग्रहण कानून, जनआंदोलन और उनकी राजनीति का असर पर दो दिवसीय बैठक

निमंत्रण नये भूमिअधिग्रहण कानून, जनआंदोलन और उनकी राजनीति का असर पर दो दिवसीय बैठक नवंबर 19-20-2013 9ः30 प्रातः से सांय 6ः00 बजे तक, गांधी शांति प्रतिष्ठान, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, नई दिल्ली प्रिय साथियों, जिंदाबाद जनआंदोलनांे के बरसों चले लम्बे संघर्ष के बाद देश में औपनिवेशिक भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 के स्थान  पर ‘‘उचित मुआवजे का अधिकार, भूमिअधिग्रहण में पारदर्शिता, पुनर्वास और पुर्नस्थापना कानून, 2013‘‘ आया है। आम चुनाव व विधानसभा चुनाव कई राज्यों में होने वाले...

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भारत में सबसे ज्यादा बड़े कोयले के भंडार : होता है 20 अरब डॉलर का आयात

नई दिल्ली : किसी भी देश के विकास के लिए वहां की ऊर्जा का बहुत बड़ा हाथ होता है. आज भारतवर्ष के लिए ऊर्जा मुहैया करवाना एक बहुत बड़ी चुनौती बन गई है. भारत में घर ऐसे भी हैं जहां पर अभी भी लोग मोमबत्ती के सहारे अपना काम कर रहे हैं, कई गावों में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है. इनमें से करीब 30 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके...

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आम आदमी और उसका राजनीतिक प्रयोग- गिरिराज किशोर

जनसत्ता 24 अक्तूबर, 2013 : आजादी के बाद एक प्रयोग डॉ राममनोहर लोहिया ने राज्यों में संविद सरकार बनवाने का किया था, जो सफल भी रहा। इसका कारण था, उन्होंने सरकारों के लिए कुछ मानक तय किए थे। उदाहरण के लिए, जब थानू पिल्लै की सरकार ने छात्रों पर गोली चलाई गई तो उन्होंने सरकार से त्यागपत्र देने को कहा। इस पर मतभेद हो गया। लेकिन वे इस सिद्धांत पर...

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परिचर्चा: विकास की अवधारणा

निमंत्रण                      परिचर्चा: विकास की अवधारणा                                 डॉ. शिवराज सिंह (योजना मंडल) और प्रो. हनुमंत यादव,                                                 चर्चा में- बी.के.मनीष के साथ.   छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच की ’विधानसभा चुनाव जागरूकता कार्यक्रम श्रृंखला” की पहली कड़ी.                       सायं ४ बजे, मंगलवार, २२ अक्टूबर, प्रेस क्लब, रायपुर. धार्मिक ध्रुवीकरण तथा सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों को पार कर के अब चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़े जा रहे हैं। जहां राज्य और केंद्र की वर्तमान सरकारें चहुंमुखी विकास विकास के दावे करते नहीं थक रही हैं वहीं...

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सुधार के नाम पर- विनोद कुमार

जनसत्ता 19 अक्तूबर, 2013 : कोयला घोटाले को लेकर एक बार फिर हंगामा है। इस बार एक बड़े उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारख पर सीबीआइ द्वारा दर्ज एफआइआर को लेकर हंगामा मचा है। बिड़ला देश के प्रतिष्ठित उद्योगपति हैं और पूर्व सचिव पारख को कोयला घोटाले का खुलासा करने वाले कैग ने ‘विसल ब्लोअर’ कहा था। लेकिन यह सवाल तो उठता ही है कि कई...

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