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गुजरात में दोगुनी पैदावार देगी मक्का की हाईब्रिड किस्म

वैज्ञानिकों ने मक्का की नई हाईब्रिड किस्म विकसित की है। इसकी खासियत दोगुने से ज्यादा पैदावार देने की इसकी क्षमता है। गुजरात के आनंद कृषि विश्वविद्यालय (एएयू) द्वारा विकसित इस किस्म के मक्का की खेती राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में हो सकती है। गुजरात आनंद यलो हाइब्रिड मैज-1 (जीएवाईएचएम) नामक इस बीज को प्रदेश के बारिश सिंचित उत्तर व मध्य क्षेत्र में खरीफ सीजन में रोपी जा सकती है। इसके बारे...

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अपनी छोड़ दूसरे की खेत में कर रहे हैं मजदूरी, 10 साल में 3 लाख लोग ने छोड़ी है किसानी

रायपुर। छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रदेश में तीन लाख किसानों ने खेती छोड़ दी है। इतना ही नहीं राज्य में 10 साल पहले जहां 30 लाख लोग दूसरे के खेतों में मजदूरी करते थे। वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 50 लाख हो गई है। हालांकि इस अवधि में यहां की कुल आबादी में 47 लाख की वृद्धि हुई है। उस समय राज्य की आबादी 2.08 करोड़ थी जो बढ़कर अब 2.55 करोड़ हो...

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भूमि अधिग्रहण और आदिवासी

जनसत्ता 1 मई, 2013: आजकल भूमि अधिग्रहण विधेयक की चर्चा जोरों से चल रही है। वन अधिनियम पहले ही पास कराया जा चुका है। ये दोनों ही कदम आदिवासियों के जीवन को प्रभावित करने वाले हैं। जयराम रमेश का मंत्रालय बार-बार बदला जाना एक विडंबना ही है। जब-जब उन्होंने अपने मंत्रालय से कोई जन-भावन कदम उठा कर हस्तक्षेप करना चाहा, उनका मंत्रालय ही बदल दिया गया! चाहे वह वन या...

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लाचार होकर 4 से 12 हजार में बीवी-बेटियों को बेच रहे लोग

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में सूखे ने राज्य के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। महाराष्ट्र के 34 जिलों में सूखे का संकट है। इसे देखते हुए ईजीओएम ने 1207 करोड़ का सूखा पैकेज देने का फैसला किया है। लेकिन इस पैकेज का कितना सही इस्तेमाल हो पाएगा, इस पर बड़ा सवाल बना हुआ है।    दूसरी तरफ, \'बेटी बचाओ\' अभियान और महिला सशक्तिकरण के तमाम नारों के बावजूद देश के बड़े इलाके में महिलाओं पर जुल्म...

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इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2013 के परिणाम घोषित

हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के आठ पत्रकारों का चयन विकासशील समाज अध्ययन पीठ(सीएसडीएस) द्वारा दी जाने वाली इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप के लिए हुआ है। चयनित पत्रकार देश के छह राज्यों से हैं। खोजी और सार्थक पत्रकारिता की श्रेष्ठ परंपरा का निर्वाह करते हुए चयनित फैलो ग्रामीण समुदाय की चिन्ताओं और समस्याओं को जन-सामान्य के बीच लाने और उस दिशा में नीतिगत हस्तक्षेप की जमीन तैयार करने के लिए, उनके बीच कुछ समय बितायेंगे। फैलोशिप के अभ्यर्थियों का...

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