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इरोम के संघर्ष को बयां करती ‘आयरन इरोम:टू जर्नीज

नयी दिल्ली : बालीवुड अभिनेत्री शर्मीला टैगोर का मानना है कि सैन्य बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) के विरोध में करीब 12 साल से भूख हड़ताल कर रही मणिपुरी सामाजिक कार्यकर्ता इरोम शर्मीला की कहानी ‘बहुत मर्मस्पर्शी' है. इस अभिनेत्री ने कल देर शाम यहां अक्षरा थिएटर में मिनी वैद्य द्वारा लिखित पुस्तक ‘आयरन इरोम: टू जर्नीज' पर परिचर्चा में भाग लिया. इस पुस्तक में इरोम शर्मीला की एक लंबी कविता...

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नकली नक्सली-अनुपमा और निराला की रिपोर्ट.

झारखंड में माओवादी कमजोर हुए हैं मगर उनके इस सबसे बड़े गढ़ में माओवाद के नाम पर चलने वाले आपराधिक संगठनों की कोई कमी नहीं है. अनुपमा और निराला की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय 27 मार्च, 2013. झारखंड में चतरा जिले का लकड़मंदा गांव. बिहार सीमा के पास बसे इस इलाके का सन्नाटा आधी रात को अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से टूट गया. पास के जंगल में हो रही भयानक गोलीबारी...

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देसी विद्वता का लेखा-जोखा ।। रवि दत्त बाजपेयी ।।

- वर्ष 1917 में प्रख्यात विश्व कोशकार आचार्य बिजेंद्रनाथ सील ने प्रेसीडेंसी कॉलेज में भौतिक शास्त्र के एक टेम्पररी असिस्टेंट प्रोफेसर को कोलकाता विश्वविद्यालय के परीक्षा परिणामों में सांख्यिकीय प्रवर्ति का अध्ययन करने का आग्रह किया. भौतिक शास्त्र के प्राध्यापक महोदय को आंकड़ों की नयी विद्या में बहुत आनंद आया, तो उन्होंने अपने कॉलेज की भौतिकी प्रयोगशाला में इस पर नये विषय के सिद्धांतों-धारणाओं को परखने के लिए एक सांख्यिकीय प्रयोगशाला ही बना...

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मुसहर बच्चे फर्राटे से पढ़ते हैं शेक्सपियर की अंग्रेजी के पाठ

पटना। शेक्सपियर और बिहार में समाज के हाशिए पर पड़े मुसहर समुदाय के बच्चों का क्या मेल हो सकता है आपने कभी सोचा है? राजधानी पटना में फर्राटे से मुसहर समुदाय के कक्षा आठ के बच्चों को जूलियस सीजर और मैकबेथ के पात्रों के रूप में प्रहसन प्रस्तुति (स्किट) देते हुए दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। भारतीय पुलिस सेवा से अवकाश प्राप्त अधिकारी जेके सिन्हा की कोशिशों से पटना के आंबेडकर पथ...

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आंदोलनों से सीखा जिंदगी का ककहरा- गुंजेश की रिपोर्ट

1951 के आसपास जब जयपाल सिंह और उनकी झारखंड पार्टी आदिवासियों के लिए भारतीय संघ के भीतर स्वायत्तता का रास्ता ढूंढ़ रहे थे, उसी वक्त पूर्वोत्तर भारत में नगाओं का अतिवादी समूह अलग राष्ट्र के सपने देख रहा था. ऐसे समय में हजारों मील दूर पंजाब की फरीदकोट छावनी में एक फौजी परिवार के यहां एक लड़की ने जन्म लिया. 1964-68 में यह लड़की परिवार के साथ शिलांग पहुंचती है. जहां फौजी...

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