कुछ दिन पहले जब दीये और पटाखे की रोशनी से देश जगमगा रहा था तो बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में सैकड़ों नरेगा मजदूर ‘काली दीवाली' मनाने के लिए इक्कट्ठा हुए। उन्हें महीनों से मजदूरी नहीं मिली थी। मजदूरी मिलने के इंजतार में थक-हार कर नरेगा मजदूरों ने तत्काल भुगतान की मांग के साथ एक धरने का आयोजन किया। धरने पर बैठे मजदूर ज्यादा कुछ नहीं मांग रहे थे- उन्हें बस...
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गर्म होती दुनिया के डूबते हुए द्वीप- ज्ञानेन्द्र रावत
आज दुनिया के बहुतेरे द्वीपों पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण समुद्र का बढ़ता जलस्तर है। यह आशंका बलवती हो रही है कि एक दिन मॉरीशस, लक्षद्वीप व अंडमान द्वीपसमूह ही नहीं, श्रीलंका व बांग्लादेश जैसे मुल्कों का अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। एक आकलन के अनुसार, पूरी दुनिया में 2.5 करोड़ लोग द्वीपों के डूबने के कारण विस्थापित हुए हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण...
More »भूखे रहने को मजबूर क्यों अन्नदाता? - देविंदर शर्मा
पिछले लगातार तीन वर्षों से गेहूं की खेती करने वाले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपए प्रति क्विंटल की मामूली बढ़ोतरी पाते रहे हैं। यह गेहूं के किसानों को भुगतान किए जा रहे दामों में तकरीबन 3.6 फीसद की बढ़ोतरी को दर्शाता है। यदि इसकी तुलना सितंबर में केंद्रीय कर्मचारियों को दिए गए 7 फीसद अतिरिक्त महंगाई भत्ता से करें तो पता चलता है कि असंगठित क्षेत्र में किसानों...
More »संकट का तापमान (संपादकीय, जनसत्ता)
संयुक्त राष्ट्र ने एक बार फिर बढ़ते वैश्विक तापमान और उसके संभावित असर को लेकर आगाह किया है। लेकिन इस मसले पर अलग-अलग समय पर हुए वैश्विक सम्मेलनों के अलावा संयुक्त राष्ट्र के स्तर से जितने भी प्रस्ताव पेश किए गए, उनका हासिल किसी से छिपा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र की आइपीसीसी यानी जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति की बैठक पेरू के लीमा शहर में अगले महीने होने वाली है,...
More »विकास के मौजूदा मॉडल के विनाशकारी पहलू- सच्चिदानंद सिन्हा
आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
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