आठ नवंबर को 500 तथा 1000 रुपये के नोटों का चलन रातोंरात रोकने की घोषणा नीयत तथा क्रियान्वयन के पारस्परिक संबंध का मौलिक मुद्दा उजागर करती है. क्या किसी क्रिया के पीछे की सराहनीय मंशा उसके नकारा क्रियान्वयन को माफ कर देने की वाजिब वजह हो सकती है? अथवा, क्या क्रियान्वयन की खामियां उस मंशा का मूल्य ही कम कर देती हैं? विचार तथा क्रिया के बीच का यही द्वंद्व...
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शासन क्षमता का भी प्रदर्शन हो-- आकार पटेल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वे केंद्र सरकार में दो चीजें लेकर आयेंगे- निर्णय की निश्चितता और सुशासन. उनके पास अन्य गुण भी हैं और लोगों ने पहले उल्लिखित बातों के साथ उन गुणों के लिए भी उन्हें वोट दिया था. प्रधानमंत्री मोदी किसी वंश से संबंध नहीं रखते हैं और उन्होंने सार्वजनिक जीवन में अपने गुणों के आधार पर ऊंचाइयां चढ़ी हैं. उनकी छवि ईमानदार राजनेता की...
More »नोटबंदी : महाराष्ट्र के खुदरा विक्रेताओं ने की लेवी करों में राहत की मांग
महाराष्ट्र, आईएएनएस। नोटबंदी के बाद व्यापार क्षेत्र में आई गिरावट से चिंतित महाराष्ट्र के खुदरा विक्रेताओं ने लेवी करो में राहत की मांग की है। रिटेल ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन (FRTWA) के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष वीरेन शाह के नेतृत्व में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगने के बाद मौजूदा स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि नकदी की कमी...
More »नींद क्यों रात भर नहीं आती!-- चंदन श्रीवास्तव
कुछ वाक्य बड़े चमकदार होते हैं. मुंह से निकलते ही ऐसे वाक्य सबकी जबान पर चढ़ जाते हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में रेल पुल के शिलान्यास के वक्त प्रधानमंत्री के मुंह से ऐसा ही चमकदार वाक्य निकला कि ‘गरीब चैन की नींद सो रहा है, कालेधन वाले नींद की गोलियां खरीद रहे हैं.' प्रधानमंत्री शायद यूपी के चुनावों को देखते हुए पुरबिया अंचल के लोगों...
More »बाजार में नकदी संकट गहराया, हेलीकॉप्टर से लाये जा रहे हैं नोट
नयी दिल्ली/पटना/रांची : नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कालेधन को खत्म करने के लिए 500 व 1000 के पुराने नोटों का सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने के बाद जनता परेशान है. सरकार द्वारा उनकी परेशानियां खत्म करने के लिए किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. बैंक व एटीएम के बाहर खड़े लोगों में से कुछ जहां नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग आशावादी भी हैं...
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