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क्यों खुदकुशी कर रहे हैं किसान- विनय सुल्तान

सारी पार्टियां गजेंद्र सिंह की खुदकुशी पर गमगीन दिखने की होड़ में शामिल हैं। अगर उनके आंसू सच्चे हैं तो वे बाकी किसानों की सुध क्यों नहीं ले रही हैं? महाराष्ट्र में सिर्फ चार महीनों में सैकड़ों किसानों ने अपनी जान ले ली। गजेंद्र सिंह राजस्थान का था। मगर राज्य के किसानों पर छाए संकट का वह अकेला उदाहरण नहीं था। कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ में हाल में तीस से...

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मनरेगा में एससी परिवारों को सबसे ज्यादा रोजगार- एनएसएसओ की रिपोर्ट

राष्ट्रीय स्तर के आंकड़े एक बार फिर इस निष्कर्ष की पुष्टी करते हैं कि मनरेगा वंचित तबकों विशेषकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों को जीविका प्रदान करने में कारगर साबित हो रहा है। देश के ग्रामीण इलाकों के 59,700  परिवारों के सर्वेक्षण पर केंद्रित राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के नवीनतम आकलन में बताया गया है कि मनरेगा के अंतर्गत रोजगार पाने वाले लोगों में सर्वाधिक संख्या अनुसूचित...

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जमीन को लेकर बढ़ती सियासी रार - आरती जेरथ

भूमि अधिग्रहण विधेयक को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच निर्णायक मुठभेड़ के लिए मंच तैयार हो चुका है और दोनों ही पार्टियां इसके लिए अपनी फौजों को तैयार कर रही हैं। इसकी गूंज संसद में बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू होने पर सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह सुनाई देगी, क्योंकि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियां अस्थिर किसान लॉबी को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में जुटी...

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घर छोड़ने को मजबूर क्यों अन्‍नदाता? - देविंदर शर्मा

कृषि के संदर्भ में राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) की हालिया रिपोर्ट साफ तौर पर बताती है कि कृषि न केवल संकट के दौर से गुजर रही है, बल्कि उसका तेजी से क्षरण भी हो रहा है। मैं चकित नहीं हूं। आखिरकार 1996 में ही विश्व बैंक ने भारतीय कृषि के पतन की दिशा बता दी थी। तब विश्व बैंक ने अनुमान लगाया था कि अगले बीस वर्षों में भारत...

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समाज और कानून की नजर में समर्पण की कीमत बस इतनी-सी?

जो महिलाएं दफ्तरों में काम करती हैं या बिजनेस संभालती हैं, उनकी सेवाओं की कीमत कमाई के आंकड़े से आंकी जा सकती है, लेकिन एक गृहिणी की सेवाओं और परिवार के प्रति समर्पण भाव की कीमत कैसे आंकी जाए? ऐसे ही एक मामले में चेन्नई के दुर्घटना दावा प्राधिकरण की संकीर्ण सोच सामने आई है। मामला है 31 वर्षीय सेल्‍वी का, जो कपड़े बेचकर पांच हजार रुपए प्रतिमाह कमाती थीं। एक...

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