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प्रदेश में परियों को पढ़ाने से है परहेज

नई दिल्ली. हरियाणा की जमीनी हकीकत क्या है इसे योजना आयोग ने साफ कर दिया है। कल हमने हेल्थ के हालात पर आंकड़ों के जरिए हकीकत बयान की थी। जन सरोकारों वाली इस रिपोर्ट में आज प्रदेश में महिला शिक्षा की स्थिति का जायजा लीजिए। प्रदेश में रोज खुल रहे नए विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना शिक्षा के क्षेत्र में नई सुबह ला रही है। लेकिन इस सुबह की...

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आपके गांव,शहर की कितनी आबादी, जानिए ऑनलाइन

भोपाल. मध्य प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य होने जा रहा हैं, जहां जनगणना के आंकड़ों को गांव व कस्बों के स्तर तक ऑनलाइन मुहैया कराया जाएगा। यही नहीं ग्राफ, टेबल, मैप व गूगल सेटेलाइट इमेज के जरिए इन आंकड़ों का ऑनलाइन विश्लेषण कर गरीबी,साक्षरता,रोजगार,जनसंख्या घनत्व व विकलांगता आदि की स्थिति भी जानी जा सकेगी। यदि आप चाहें तो इसमें उपलब्ध सॉफ्टवेयर के माध्यम से आटोमैटिक पॉवर पॉइंट प्रजेंटेशन, वीडियो या...

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प्रतिबद्ध पत्रकार बड़ा बदलाव ला सकते हैं- ज्यां द्रेज

1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ?  झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...

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सूचना का अधिकार बना हथियार- अशीष कुमार अंशु

कमलेश कामत अमही प्रखंड मधुबनी, बिहार के रहने वाले हैं. सूचना के अधिकार से उनका परिचय अभी नया-नया है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि हाल में जब प्रखंड कार्यालय से उन्होंने पंचायत में होनेवाले विकास संबंधी कायरें में हो रहे व्यय का ब्योरा मांगा तो क्यों पंचायत से लेकर ब्लॉक तक में उनकी इज्जत पहले से कई गुना बढ़ गयी. पहले जो बीडीओ उन्हें अपने आस-पास भी फ़टकने...

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देश नहीं भगवान को प्यारे

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस से हज़ारों बच्चों का मरना और विकलांग होना जारी है. इससे बचने के उपाय हैं तो मगर दो सरकारों के झगड़ों और लालफीताशाही में उलझकर रह गए हैं जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बच्चों की मौत बिना नागा जारी है. वे विकलांग भी हो रहे है. 2-4-6-8 साल के नन्हे-मुन्ने और मुन्नियां. कुछ दुधमुंहे भी हैं. रोने क्या कुनमुनाने तक से लाचार. एक-दो नहीं सैकड़ों-हजारों मासूम....

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