हाल ही में अपने ‘मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने एक सामान्य-सी बात कही, जो सेहत के लिहाज से न केवल हमारे आज, बल्कि आने वाले कल के संदर्भ में भी बेहद जरूरी बात है। उन्होंने कहा कि ‘‘डॉक्टर के कहने पर ही एंटीबायोटिक लें, चिकित्सकों के निर्देश के बिना एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन न करें। एंटीबायोटिक दवाएं लेने की आदत एक बड़ी समस्या उत्पन्न कर सकती है। यह...
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सड़े आलू से बन रही थी 200 से ज्यादा स्कूलों के बच्चों के लिए सब्जी
अंबिकापुर। लालमाटी स्थित केंद्रीय कृत रसोई में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। शहर और आस-पास के 200 से ज्यादा स्कूलों के बच्चों के मध्यान्ह भोजन के लिए सड़े आलू से सब्जी बनाई जा रही थी। जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता ने सुबह 6:45 बजे जब रसोई का निरीक्षण किया तो वहां सड़े आलू से सब्जी बनती मिली। अगर यह सब्जी स्कूलों में बट जाती तो बच्चों की सेहत पर बुरा...
More »शासन की भटकी प्राथमिकताएं-- उर्मिलेश
अपनी हाल की पूर्वी उत्तर प्रदेश यात्रा में मुझे बार-बार इस बात का एहसास होता रहा कि किस तरह हमने अपने वास्तविक मसलों को छोड़ कर अनावश्यक सियासी विवादों को प्राथमिकता में शुमार कर लिया है! यह सिर्फ किसी एक व्यक्ति, एक दल या एक सरकार की बात नहीं है, ऐसा लगता है मानो यह हमारा राष्ट्रीय स्वभाव बन गया है. बड़े राजनीतिक दलों के बड़े पदाधिकारी भी एक-दूसरे को...
More »इतना काफी नहीं कर्मचारियों के लिए --- वरुण गांधी
कमजोर सेवा और कम उत्पादकता के कारण आम आदमी ही नहीं, निवेशक भी हमारी नौकरशाही की व्यवस्था को लेकर अच्छी राय नहीं रखते। फिर भी, इस सच्चाई को अनदेखा कर दिया जाता है कि सरकारी कर्मचारी, खासतौर से ऊंचे दर्जे के कर्मी, निजी क्षेत्र के कर्मियों के मुकाबले कम वेतन पर काम करने को मजबूर हैं। मसलन, 25 साल का अनुभव रखने वाले सरकारी डॉक्टर को औसतन 2.1 से 2.8...
More »हिमालय का बिगड़ता मिजाज--- ममता सिंह
हिमालय की अनदेखी शुरू से ही हो रही है। बार-बार केंद्र पर निर्भर हिमालयी राज्यों का तंत्र हिमालय की गंभीरता और हिमालय से चल सकने वाली स्थायी जीवन शैली और जीविका को भी भुलाते जा रहे हैं। आयातित परियोजनाओं ने हिमालय में अतिक्रमण, प्रदूषण और आपदा की स्थिति पैदा कर दी है जिसके फलस्वरूप हिमालय टूट रहा है। हिमालय न केवल भारत, बल्कि दक्षिण एशिया के सभी देशों के लिए जल...
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