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स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला

दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...

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जहां ‘मिस्टर’ से ‘महात्मा’ बने गांधी

जिस समय मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद, नस्लभेद और उपनिवेशवादी शोषण के विरुद्ध सामाजिक आंदोलन चला रहे थे, उसी समयावधि में भारत में एक समाज सुधारक अपना सर्वस्व त्याग कर विदेशी शिक्षा, अस्पृश्यता, असमानता, जातिवाद, अशिक्षा, राजनीतिक पराधीनता, अंधविश्वास, पाखंड आदि के विरुद्ध सामाजिक क्रांति कर रहा था। उनका नाम था- महात्मा मुंशीराम (संन्यास नाम स्वामी श्रद्धानन्द), जो हरिद्वार के निकट कांगड़ी नामक गांव में 1902 में गंगा...

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स्मार्टफोन से है प्राइवेसी को सबसे ज्यादा जोखिम: नीलेकणि

बेंगलुरु। आधार को लेकर बीते दिनों से कई तरह की खबरें आ रही हैं। पैन कार्ड के लिए आधार अनिवार्य करने का सरकार का फैसला कोर्ट तक पहुंच गया है, वहीं आधार कार्ड में दर्ज जानकारी लीक होने की खबरें भी आई हैं। इस बीच, देश में आधार कार्ड को हकीकत बनाने वाले यूआईडीएआई के पूर्व प्रमुख और इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि का कहना है कि स्मार्टफोन से लोगों...

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7वें वेतन आयोग में बदलाव को मंजूरी, 55 लाख पेंशन धारकों को होगा फायदा

नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को हुई बैठक में पेंशनरों को बड़ी राहत देते हुए पेंशन तय करने के तरीके में बदलाव किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। सरकार के इस फैसले से सिविल और रक्षा दोनों तरह के करीब 55 लाख पेंशनरों को फायदा होगा और सरकारी खजाने पर 5,031 करोड़ रुपये से अधिक का अतिरिक्त भार पड़ेगा।   वित्त...

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भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें-- मोनिका शर्मा

नीति आयोग के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की ग्यारहवीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 की रिपोर्ट में सामने आया है कि भ्रष्टाचार का जाल आज भी आम आदमी के लिए मुसीबत बना हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल इकतीस फीसद लोगों को स्कूल, अदालत, बैंक या अन्य कामों के लिए दस रुपए से लेकर पचास हजार रुपए तक की रिश्वत देनी पड़ी है। आंकड़े बताते हैं कि 2005 में तिरपन...

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