बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के दो-तीन जिलों के कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में इस बार फिर जून का महीना जानलेवा साबित हुआ. रहस्यमयी बीमारी की चपेट में आकर 60 से अधिक बच्चे काल के गाल में समा गए. इस बीमारी और बीमारी के बहाने प्रभावित इलाके के साथ स्वास्थ्य महकमे की पड़ताल करती निराला की रिपोर्ट आंखों देखी-कानों सुनी दोपहर करीब साढ़े तीन बजे का समय. मुजफ्फरपुर शहर का केजरीवाल मातृ...
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किसान व एमडीए कर्मी आमने-सामने
मेरठ : मांगों को लेकर किसानों ने सोमवार को प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए एमडीए कार्यालय के बाहर सड़क पर सभा की और वाहनों को आगे नहीं जाने दिया। दूसरी ओर प्राधिकरण कार्मिकों ने इन आन्दोलनकारियों पर अपमाननजक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए उनके विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। प्रदर्शन व नारेबाजी करते हुए उन्होंने भी सचिव अनुराग पटेल का घेराव किया। कहा कि प्राधिकरण परिसर में इस तरह के आन्दोलन...
More »3 जिलों के आदिवासी बीपीएल घोषित
सरेंगा (बांकुड़ा), एजेंसी : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने माओवादियों से हथियार डालने की अपील करने के बाद बुधवार को जंगल महल के सबसे तीन जिलों के आदिवासियों को बीपीएल सूची में शामिल करने की घोषणा की। ममता ने कहा कि जंगल महल के तीन जिलों पश्चिम मेदिनीपुर, बांकुड़ा और पुरुलिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा गरीब है। यदि सभी को भोजन मिलेगा, तो समस्या का समाधान...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »चवन्नी ने देखे हैं इतिहास के कई रंग-रूप
नई दिल्ली। पाई, अधेला और दुअन्नी, एक पैसा, दो पैसे, पाच पैसे, दस पैसे और 20 पैसे के बाद अब चवन्नी भी आज से इतिहास में समा गई। चवन्नी धातु का एक सिक्का मात्र नहीं थी बल्कि हमारे इतिहास का एक ऐसा गवाह भी थी जिसने वक्त के न जाने कितने उतार चढ़ाव देखे। सन 1919, 1920 और 1921 में जार्ज पंचम के समय खास चवन्नी बनाई गई थी। इसका...
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