रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक आदमखोर बाघ के कारण दर्जनभर गांवों के लोग डर के साये में जी रहे है। बाघ गत महीने के भीतर एक महिला की जान ले चुका है और 30 से अधिक पालतू जानवरों को मौत के घाट उतार चुका है। वन अधिकारी अब तक बाघ को पकड़ने में असफल रहे है और इसके चलते लोग अपने जानवरों के साथ अब सुरक्षित...
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अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
More »मप्र में लोकायुक्त को और अधिकारों की जरूरत
धर्मेद्र पैगवार, भोपाल। जब पूरे देश में जनलोकपाल को लेकर आम जनता सड़कों पर है, तब सूबों में तैनात लोकायुक्त संगठनों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। मप्र में लोकायुक्त संगठन तो है, लेकिन खुद यहां के लोकायुक्त कई साल पहले इस संगठन को बिना दांत का शेर कह चुके हैं। लोकायुक्त जस्टिस प्रकाश प्रभाकर नावलेकर कहते हैं कि यहां संगठन तो है, लेकिन कुछ ऐसे अधिकारों की...
More »सुनो, मध्य वर्ग की आहट -शशि भूषण
अन्ना हजारे, सिविल सोसाइटी, सरकार और सर्वोपरि संसद समाजशास्त्री व अर्थशास्त्री जो लोग इन बड़े समाचारों के बीच उनके भीतरी आशय जानना चाहते हैं, उनके के लिए ये सब बहस के मुद्दे हो सकते हैं, किंतु आम लोग, लोकपाल या जन लोकपाल में कुछ फर्क भी है, यह जानने की जरूरत नहीं समझते. उन्हें बस इतना पता चल गया है कि एक पर एक मंत्री एक से आला भ्रष्टाचार के नये कीर्तिमान...
More »जनता से ऊपर कोई संस्था नहीं - सुभाष कश्यप
न तो संसद और न ही न्यायपालिका सर्वोपरि है. जो लोग यह दलील दे रहे हैं कि संसद सवरेपरि है, वे गलतबयानी कर रहे हैं. हमारे संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और इसकी जनता सर्वप्रधान है. इसके बाद ही किसी का स्थान आता है. एक लंबी लड़ाई के बाद देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ. संप्रभु राष्ट्र का दर्जा हासिल करने के बाद देश...
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