बल्लभगढ़। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में55 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। बच्चों और अध्यापकों को काफी दूर से पानी लेकर प्यास बुझानी पड़ रही है।यह खुलासा सर्व शिक्षा अभियान की ओर से हाल ही में किए गए सर्वे में हुआ है। शिक्षा निदेशालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इन स्कूलों में गर्मी शुरू होने से पहले पेयजल व्यवस्था सुनिश्चित...
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जहां वे सेतु बनते हैं- मिहिर पंड्या
जनसत्ता 1 फरवरी, 2013: गणतंत्र दिवस की सुबह। जयपुर साहित्य उत्सव के उस सत्र का शीर्षक था ‘विचारों का गणतंत्र’। आशीष नंदी ने पहले उदाहरण देकर विस्तार से समझाया कि क्यों एक सवर्ण अभिजात का भ्रष्टाचार हमारी बनाई ‘भ्रष्टाचार’ की मानक परिभाषाओं में फिट नहीं होता और क्यों सिर्फ दलित का भ्रष्टाचार नजर आता है। इसलिए जब उन्होंने यह कहा कि भ्रष्टाचारियों का बहुमत वंचित जातियों से आता है तो उन्होंने अपनी...
More »जुदा होना खुदा का, नुक्ते से- योगेंद्र यादव
लिखा तो था ‘खुदा’ मगर नुक्ते के फेर से बन गया ‘जुदा’. आशीष नंदी का ‘विवादास्पद बयान’ वाला मुद्दा कुल मिला कर उर्दू की इस कहावत जैसी बात थी, जिसका बतंगड़ बन गया है. जिंदगी भर समाज के हाशियाग्रस्त समूहों की हिमायत करनेवाले आशीष नंदी दलित, आदिवासी और पिछड़े समुदाय के पक्ष में एक बारीक तर्क गढ़ रहे थे. बात रखते-रखते एक वाक्य में जुबान फिसल गयी. और बस, सारा मीडिया उस...
More »किशोरी महापंचायत में उठे सवाल- बेची जा रही हैं बेटियां, है कोई देखने वाला?
रांची। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली किशोरियों को दलाल पहले नौकरी का लालच देते है, फिर दिल्ली, कोलकाता और मुंबई जैसी जगहों पर ले जाकर बेच देते है। क्या इन्हें रोकने वाला कोई नहीं है? एक किशोरी ने ही यह सवाल मंगलवार को राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की ओर से आयोजित किशोरी महापंचायत में उठाया। महापंचायत में राज्य भर के कस्तूरबा विद्यालयों, कल्याण विभाग द्वारा संचालित बालिका विद्यालयों और किशोरी...
More »आंदोलन का जश्न -- मेधा( कुडनकुलम से विशेष रिपोर्ट)
इस बार 31 दिसंबर की शाम कुछ अलग तरह से गुजर रही है। दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर कन्याकुमारी के तटीय गांव इदिंतकराई में। तमिल में इदिंतकराई का अर्थ है- टूटा हुआ तट। यह गांव बंगाल की खाड़ी के जिस तट पर बसा है, वह एक जगह से टूटा है। गांव के नाम में, उसके तट में टूटन भले हो, लेकिन यहां के लोगों मंे कहीं आपसी टूटन नहीं दिख...
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