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मैला ढोने का काम कराने वालों को सजा देने के संबंध में कोई रिपोर्ट नहीं: केंद्र

नई दिल्ली: केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में स्वीकार किया कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि 1993 में और फिर 2013 में मैनुअल स्कैवेंजिंग (हाथ से मैला उठाना) को गैरकानूनी घोषित करने के बाद भी अभी ये प्रथा हमारे समाज में मौजूद है. खास बात ये है कि मंत्रालय ने बताया कि राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों से मैला ढोने वालों...

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एडिटर्स गिल्ड ने की वित्त मंत्रालय में मीडिया पर पाबंदी की आलोचना, कहा- वापस लें आदेश

नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ने नॉर्थ ब्लॉक में मीडियाकर्मियों के प्रवेश पर केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से लगाई गई बंदिशों को मीडिया की आजादी का गला घोंटना करार दिया और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से यह ‘मनमाना फैसला' वापस लेने की अपील की. हालांकि, इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय से मंगलवार को जारी स्पष्टीकरण में कहा गया था कि वित्त मंत्रालय के भीतर मीडियाकर्मियों के प्रवेश...

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जन धन योजना के तहत खुले करीब साढ़े छह करोड़ खाते सक्रिय नहीं: केंद्र

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत बैंकों में अब तक 35.99 करोड़ खाते खोले गए जिनमें 29.54 करोड़ खाते सक्रिय हैं. वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना 28 अगस्त 2014 को प्रारंभ की गई थी. उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 26...

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पूर्वोत्तर की भीतरी और बाहरी विडंबनाएं- रामचंद्र गुहा

विडंबना और शायद त्रासदी यह है कि हमारे देश के सबसे खूबसूरत हिस्से संघर्ष और हिंसा से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं। इसमें कश्मीर घाटी, मध्य भारत (विशेषकर बस्तर) के जंगल, और पूर्वोत्तर के राज्य शामिल हैं। मानवशास्त्री वेरियर एल्विन की धारा का अनुकरण करते हुए 1990 के दशक में मैंने पूर्वोत्तर का दौरा किया था। एल्विन इंग्लैंड में जन्मे और पढ़े-लिखे थे, युवा वय में भारत आए, तो फिर नहीं...

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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

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