दिलचस्प है कि इस बार अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार एक ऐसे शख्स को मिला है, जिसने भारत में गरीबी नापने के प्रचलित तरीकों पर भी सवाल उठाकर इसे सुधारने में अहम भूमिका अदा की है। प्रचलित तरीकों से लोगों द्वारा किए जा रहे उपभोग का सही अनुमान नहीं लग पाता था और वास्तविक गरीबी का चित्र नहीं उभर पाता था। अर्थव्यवस्था में राज्य हस्तक्षेप के समर्थक इस वर्ष के नोबल विजेता...
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गरीबी का फंदा तोड़ने के वास्ते-- प्रमोद जोशी
आर्थिक विकास, व्यक्तिगत उपभोग और गरीबी उन्मूलन के बीच क्या कोई सूत्र है? यह इक्कीसवीं सदी के अर्थशास्त्रियों के सामने महत्वपूर्ण सैद्धांतिक प्रश्न है. पिछले डेढ़-दो सौ साल में दुनिया की समृद्धि बढ़ी, पर असमानता कम नहीं हुई, बल्कि बढ़ी. ऐसा क्यों हुआ और रास्ता क्या है? इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार प्रिंसटन विश्वविद्यालय के माइक्रोइकोनॉमिस्ट प्रोफेसर एंगस डीटन को देने की घोषणा की गयी है. वे लंबे अरसे...
More »गरीबी के आंकड़ों के विरोधाभास-- सुभाष गताड़े
विश्व बैंक के मुताबिक, भारत में अत्यधिक गरीबी के नीचे रहनेवाली आबादी वर्ष 2015 में घट कर 9.6 फीसदी हो गयी है. वर्ष 2012 में यह संख्या 12.8 फीसदी थी. वर्ष 1990 में जबसे विश्व बैंक ने यह आंकड़े इकट्ठा करने शुरू किये, तबसे पहली दफा ऐसी कमी दिखाई दी है. इसके बरक्स विश्व बैंक के ही मुताबिक, कुपोषित बच्चों की संख्या के मामले में भारत दुनिया में नीचे है...
More »दाल उत्पादन बढ़ाने की जरूरत-- रमेश दूबे
महंगे प्याज ने पहले ही किचन का जायका बिगाड़ के रखा है और अब दाल की कीमतें भी आसमान छूने लगी हैं. दालों की कीमतों पर लगाम लगाने के सरकार ने स्टॉक लिमिट, जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई, दालों के वायदा कारोबार का निलंबन जैसे उपाय किये हैं, लेकिन ये कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. सरकार भले ही थोक मुद्रास्फीति के माइनस 4.95 के ऐतिहासिक स्तर तक पहुंचने का ढिंढोरा...
More »भारत: 88 प्रतिशत समुदाय मांसाहारी तो भी मांसाहार में नेपाल से भी पीछे
धार्मिक भावनाओं को ठेस ना पहुंचाने के तर्क से कुछ राज्यों में मांसाहार पर कुछ विशेष दिनों में पाबंदी लगाये जाने की खबरों के बीच दो तथ्य गौरतलब हैं.(देखें लिंक) एक, भारत में कुल 4635 समुदाय हैं और इनमें 88 प्रतिशत समुदाय मांसाहारी हैं. और दो, देश के ज्यादातर लोगों के मांसाहारी होने के बावजूद भारत में प्रति व्यक्ति मांस का उपभोग हिन्दू-बहुल नेपाल की तुलना में लगभग दोगुना और वैश्विक...
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